कीबोर्ड क्या है?
आज हम पढ़ेंगे कीबोर्ड के बारे में की, कीबोर्ड क्या होता है? इसका आविष्कार किसने किया और कीबोर्ड में कौन-कौन सी keys होती है? यह लेख कॉम्पिटेटिव एक्जाम की तैयारी करने वाले स्टूडेंट के लिए ज्यादा फायदेमंद है, क्योंकि इसमें ज्यादा फेक्चुअल बातें लिखी हुई है, अगर आप इस लेख का related वीडियो देखना चाहते हैं,तो उसकी लिंक में नीचे ऐड कर दूंगा।
कीबोर्ड क्या है?
कीबोर्ड एक इनपुट युक्ति है, जिसको टाइपराइटर में कुछ परिवर्तन करके बनाया गया है । कीबोर्ड का उपयोग टेक्स्ट तथा न्यूमेरिकल डाटा को इनपुट करने के लिए किया जाता है।
दूसरे शब्दों में यह एक प्रचलित इलेक्ट्रोनिक इनपुट डिवाइसेज हैं। इसका उपयोग कंप्यूटर को निर्देश देने तथा अल्फान्यूमैरिक डाटा डालने के लिए किया जाता है।
जब कीबोर्ड में कोई बटन प्रेस किया जाता है तो एक विशेष डिजिटल संकेत (बाइट) जनरेट होता है जिससे कंप्यूटर दबाई गई कुंजी को पहचान लेता है।
Keyboard का full form
Keyboard का full form :- Keys Electronic Yet Board Operating A to Z Response Directly
Keyboard की हिस्ट्री
कीबोर्ड का आविष्कार किसने किया
FACT: – keyboard को अमेरिका के वैज्ञानिक ‘क्रिस्टोफर लैथम शोलेज’ ने साल 1868 में विकसित किया। उन्होंने टाइपराइटर और QWERTY keyboard का आविष्कार किया था।
मानक कीबोर्ड में100 से लेकर 104 बटन होते हैं
कीबोर्ड के प्रकार-
कीबोर्ड को दो प्रकार के आधार पर बाटा जा सकता है
1. बनावट के आधार पर 2.बटन के आधार पर
1. बनावट के आधार पर
बनावट के आधार पर कीबोर्ड यूं तो बहुत प्रकार के होते हैं
A.मैकेनिकल कीबोर्ड:-
इन कीबोर्ड को रिपेयर किया जा सकता है।
B.मेम्ब्रेन कीबोर्ड:-
इन कीबोर्ड को रिपेयर नहीं किया जा सकता है।
2.बटन के आधार पर
बटन के आधार पर कीबोर्ड को विभिन्न भागों में बांटा जा सकता है-
Standard keyboard :-मानक कीबोर्ड में 100 से लेकर 104 बटन होते हैं
Extended Keyboard
QWERTY Keyboard
Dvorak Keyboard
AZERTY Keyboard
Colemark Keyboard
Keys of Keyboard/कीबोर्ड की कुंजियां
कीबोर्ड में विभिन्न प्रकार की बनिया होतीहै जिनको मैंने निम्न प्रकार से डिस्क्राइब किया है
1. Alphabet key
2. Numerical key
3. Function key
4. Cursor / arrow key
5. Toggle key
6. Special purpose key
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1. Alphabet key:-
कंप्यूटर में अल्फाबेटिकल key के 26 बटन होते हैं यह बटन A से Z तक होते हैं इन्हें अल्फाबेट key कहते हैं।
2. Numerical key:-
-नंबर key का उपयोग गणितीय अंक टाइप करने के लिए किया जाता है।
-साधारणतः नंबर key कीबोर्ड के दाएं तरफ होती है इसमें 0 से 9 तक संख्याएं होती है।
-साथ ही गणितीय चिन्ह एडिशन(+) सब्सट्रैक्शन(-) डिवाइड(÷) मल्टीप्लिकेशन(×) तथा डेसिमल(.) चिन्ह भी होता है।
3. Function key:-
-फंक्शन की कीबोर्ड के सबसे ऊपरी भाग में स्थित होती है , function key का उपयोग किसी विशेष कार्य को करने के लिए किया जाता है, Function की का कार्य उपयोग किए जाने वाले सॉफ्टवेयर पर निर्भर करता है।
-फंक्शन की टोटल 12 होती है।
ex. f1: – help , f5 -: refresh etc. जैसे f1 का उपयोग हेल्प के लिए किया जाता है और f5 का उपयोग रिफ्रेश करने के लिए किया जाता है।
4. Cursor / arrow key:-
इन्हें नेविगेशन key भी कहा जाता है, इन key का उपयोग दस्तावेज में ऊपर नीचे दाएं बाएं जाने के लिए किया जाता है।
इसमे टोटल key 8 होती है।
4 arrow key: –
1) left 2)right 3)up 4)down
5) होम
6) end
7) page up
8) पेज down
5. Toggle key:-
वह key जिनको एक बार दबाने पर एक्टिव हो जाती है तथा दोबारा दबाने पर डीएक्टिवेट हो जाती है, टॉगल की कहलाती है।
ex. कैप्स लॉक ,स्क्रीन लॉक ,नंबर लॉक ,ब्लूटूथ की, वाई-फाई की ,li-फाई की etc.
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6. Special purpose key
a. caps lock key :-
-इसका उपयोग अक्षरों को छोटा या बड़ा करने के लिए किया जाता है।
-यह एक प्रकार की टॉगल की भी है जिसे एक बार दबाने पर सक्रिय तथा दूसरी बार दबाने पर निष्क्रिय हो जाती है।
b. Num Lock key :-
इसका उपयोग नंबर pad को सक्रिय तथा निष्क्रिय करने के लिए किया जाता है, यह भी एक प्रकार की टॉगल की है।
C. Scroll lock key :-
स्क्रॉल लॉक की का उपयोग कर्जर को हिलाये बिना डॉक्यूमेंट में नेविगेट करना है।
जब scrollलॉक की ऑन होती है, तब तीर कुंजियां कर्सर को हिलाने के बजाय टेक्स्ट विंडो को स्क्रॉल करती है।
D. Tab key :-
full FORM – Tabulator key
-tab की का अर्थ होता है,- “कूदाते हुए ले जाना” अर्थात इसका उपयोग कर्जर को एक निश्चित दूरी जो ruler द्वारा तय की जा सकती है वहां तक ले जाने के लिए किया जाता है, किसी चार्ट टेबल या एक्सेल प्रोग्राम में एक खाते से दूसरे खाते तक जाने के लिए भी टेब बटन का प्रयोग किया जाता है।
-इसका उपयोग डायलॉग बॉक्स में से किसी एक विकल्प का चयन करने के लिए भी किया जाता है।
-इसका उपयोग ब्राउज़र में एक लिंक से दूसरे लिंक पर जाने के लिए किया जाता है।
E. Enter/ Return: –
इंटर बटन एक प्रकार से ओके के समान बटन होता है, इसका उपयोग कंप्यूटर को दिए गए निर्देशों को कार्यान्वित करने के लिए तथा स्क्रीन पर टाइप डाटा को कंप्यूटर में भेजने के लिए किया जाता है।
-इसके अतिरिक्त इसका उपयोग डॉक्यूमेंट मे नया पैराग्राफ शुरू करने के लिए किया जाता है, कीबोर्ड में इंटर बटन दो स्थानों पर होता है।
F. ECS KEY :-
FULL FORM: – ESCAPE KEY
-यह एक प्रकार से कैंसिल के समान बटन होता है, इसका प्रयोग पहले से चल रहे कार्य को समाप्त करने तथा अभी वर्तमान में चल रहे प्रोग्राम को बंद करने के लिए किया जाता है।
जैसे:- स्लाइड शो से बाहर आने के लिए भी एस्केप का use किया जाता है।
– डायलॉग बॉक्स को close करने के लिए।
G. Backspace Key :-
-बैक स्पेस की का उपयोग एक-एक करके शब्द या स्पेस को मिटाने के लिए किया जाता है, इसका प्रयोग टाइपिंग के समय गलतियां ठीक करने में किया जाता है, इसके प्रयोग से कर्जर के ठीक left और स्थित कैरेक्टर या स्पेस एक-एक करके मिटाया जाता है।
H. Delete key:-
यह एक प्रकार से बैकस्पेस key की विपरीत key होती है, इसका उपयोग कर्जर के ठीक दाएं और स्थित कैरेक्टर या स्पेस को एक-एक करके मिटाने के लिए किया जाता है, जब डिलीट की का उपयोग किया जाता है तब कर्जर के बाद का सभी डाटा एक स्थान left की और खिसक जाता है।
-इसके अतिरिक्त इसका उपयोग फाइल फोल्डर आदि को डिलीट करने के लिए भी किया जाता है।
I. Prt sc Key :-
full form: print screen key
-जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है इसका उपयोग स्क्रीन पर जो भी दिखाई दे रहे उसका प्रिंट लेने के लिए किया जाता है इसका उपयोग स्क्रीनशॉट लेने के लिए भी किया जाता है।
स्क्रीनशॉट लेने के लिए शॉर्टकट की:-
Screenshot:- Window logo key + prt sc
J. Space Bar key:-
-यह किसी भी कीबोर्ड में सबसे लंबी की होती है, इसका उपयोग टेक्स्ट लिखते समय बीच में स्पेस डालने के लिए किया जाता है।
-इसे लंबा इसलिए बनाया गया ताकि टाइपिंग के समय दोनों अंगूठा से use किया जा सके।
-यह कीबोर्ड में एक ऐसी की है जिस पर कोई भी कैरेक्टर नहीं होता है।
K. Ins key :-
FULL FORM: – Insert key
-इंसर्ट बटन का उपयोग पहले से लिखे हुए Data पर ओवरराइट करने के लिए किया जाता है।
-इंसर्ट की का उपयोग दो मोड़ में किया जाता है:-
a. ओवरटाइप मोड:– जिसमें टाइप करते समय कर्सर वर्तमान स्थान पर मौजूद किसी भी टेक्स्ट को ओवरराइट कर देता है; और
b. इन्सर्ट मोड:- जहां कर्सर एक अक्षर को उसकी वर्तमान स्थिति में डालता है, जिससे सभी अक्षर उससे एक स्थान आगे निकल जाते हैं।
L. Pause/Break key:-
-यह कीबोर्ड में ऊपर राइट में साइड होती है, इसका उपयोग चल रहे प्रोग्राम को अस्थाई तौर पर रोकने के लिए किया जाता है, जब इसे प्रेस किया जाता है, तो प्रोग्राम रुक जाता है और पुन: किसी अन्य key को प्रेस करने पर प्रोग्राम पुन: शुरू हो जाता है।
Q. ‘Ctrl’ और ‘shift’ किस प्रकार की कुंजियाँ हैं?
A) Adjustment
B) Alphanumeric
C) Function
D) Modifier
[showhide type=”links” more_text=”show answer” less_text=”Hide Answer”]D) Modifier [/showhide]
Combination KEY ( Modified key)
-इन्हें हिंदी में संयोजक बटन कहा जाता है इनका उपयोग किसी अन्य की के साथ किया जाता है। इन key के प्रयोग से यह दूसरे key के कार्य को बदल देता है
जैसे:- सामान्यतः f5 का उपयोग रिफ्रेश करने के लिए किया जाता है, लेकिन जब इसे अल्टर के साथ प्रयोग किया जाता है, तब इसका उपयोग दस्तावेज मे window के आकार को पुनर्स्थापित करने के लिए हो जाता है।
कीबोर्ड में तीन कांबिनेशन की होती है
1)ctrl, 2)alt, 3)shift
शॉर्टकट की के सभी फार्मूला पढ़ने के लिए, शॉर्टकट की के सभी फार्मूला पढ़ने के लिए । यहां पर क्लिक करें
Virtual keyboard :-
वर्चुअल का अर्थ होता है:- “आभासी” वर्चुअल कीबोर्ड में किसी फिजिकल कीबोर्ड की आवश्यकता नहीं होती है, अर्थात इसमें एक लेजर किरण द्वारा कीबोर्ड के प्रतिबिंब को सतह पर उतारा जाता है, जिसे हम सतह पर उतरे आभासी बटन को छूकर कंप्यूटर में निर्देश को डाल सकते हैं।
ऑन स्क्रीन कीबोर्ड:-
वर्तमान समय में टैबलेट स्मार्टफोन आदि में डाटा डालने के लिए सबसे ज्यादा उपयोग में लाया जाने वाला कीबोर्ड है, यह एक प्रकार का सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जिसमें हमें कीबोर्ड कंप्यूटर के या मोबाइल की स्क्रीन पर प्रदर्शित होता है इस कीबोर्ड को हम माउस जॉयस्टिक टच स्क्रीन या किसी भी पेंटिंग डिवाइस की सहायता से इसका उपयोग किया जा सकता है यह एक प्रकार से देखा जाए तो वर्चुअल कीबोर्ड का एक रूप है।