इस्लाम धर्म
इस्लाम धर्म की उत्पत्ति एवं विकास
आज हम इस्लाम धर्म क्या हैं? इससे संबंधित महत्वपूर्ण रोचक तथ्य के बारें में कुछ फैक्ट की बात करेंगे कि इस्लाम धर्म में इस्लाम का शाब्दिक अर्थ है- ‘अल्लाह को समर्पण’ हैं। अर्थात् जिस मुसलमानों ने खुद को अल्लाह के प्रति समर्पित कर दिया हो। अर्थात् इस्लाम धर्म के नियमों का अनुसरण करने वाला और उन नियमों के अनुसार चलने वाला। इस धर्म में अल्लाह को एकमात्र ईश्वर, जगत का पालक और सर्वशक्तिमान का आधारभूत सिद्धांत माना हैं। अल्लाह का संदेश वाहक या पैगम्बर मुहम्मद हजरत साहब को माना हैं। यही बात पैगम्बर मुहम्मद साहब के ‘कलमे’ में दोहराई जाती है: ‘ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह’ अर्थात् एक ही ‘अल्लाह है, उसके अलावा कोई दूसरा नहीं और उसके रसूल या पैगम्बर मुहम्मद हजरत साहब हैं ‘।

इस्लाम धर्म क्या हैं? इससे संबंधित महत्वपूर्ण रोचक तथ्य
इस्लाम धर्म एक इब्राहिमी पंथ हैं यह एकेश्वरवादी पन्थ, प्रेषित परम्परा से निकला हैं यह एक एकेश्वरवादी धर्म हैं। इस धर्म की शुरुआत अरब प्रायद्वीप में 7 वीं शताब्दी में हुई थीं। अल्लाह की तरफ से इस्लामी परम्परा के अनुसार अंतिम रसूल और नबी, पैगम्बर मुहम्मद के द्वारा लोगों तक पहुँचाई गई अवतरित ईश्वरीय किताब कुरान की शिक्षा पर आधारित हैं। तथा इस कुरान में अनेक ग्रन्थ जैसे – हदीस, सीरत उन-नबी व शरीयत शामिल हैं।
इस्लाम धर्म में सुन्नी, शिया, सूफ़ी व अहमदिया समुदाय प्रमुख हैं। मस्जिद को इस्लाम की मज़हबी स्थल कहा जाता हैं। विश्व का दूसरा सबसे बड़ा पन्थ अनुयाइयों की कुल आबादी के अनुसार इस्लाम है। विश्व में आज 200 करोड़ अर्थात् 2 अरब के लगभग मुसलमान निवास करते हैं। इनमें से 85% के लगभग सुन्नी और 15% के लगभग शिया निवास करते हैं। दक्षिण पूर्व एशिया और दक्षिण एशिया के देशों में सबसे अधिक मुसलमान की संख्या निवास करती हैं। मुसलमानों के बहुत समुदाय मध्य पूर्व, अफ़्रीका और यूरोप में भी रहते हैं। विश्व में लगभग मुसलमानों की अधिकतर जनसंख्या 56 देशों में निवास करती हैं तथा विश्व में कई देशों में मुसलमानों की जनसंख्या के बारे में कोई विश्वसनीय जानकारी उपलब्ध नहीं है।
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इस्लाम धर्म का इतिहास एवं उससे संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
इस धर्म की स्थापना हजरत मुहम्मद साहब ने 7वीं शताब्दी के आस-पास की थीं। इसलिए इनको इस्लाम धर्म का संस्थापक माना जाता हैं। इनका जन्म मक्का में कुरैश कबीले में 570 ईस्वी में हुआ था। इनके पिता का नाम अब्दुल्ला था और इनकी माता का नाम अमीना था। इनके चाचा अवू तालिब ने इनका पालन-पोषण किया था।

मक्का के पास हीरा नामक गुफा में 610 ईस्वी में हजरत मुहम्मद साहब ज्ञान की प्राप्ति हुई थीं।
इन्होंने पैगम्बर के मक्का से मदीना की यात्रा को 24 दिसम्बर 622 ईस्वी को की थीं, इस यात्रा को इस्लाम जगत में मुस्लिम संवत् या हिजरी संवत् के नाम से जाना जाता हैं।
25 वर्ष की अवस्था में खदीजा नामक विधवा से हजरत मुहम्मद साहब का निकाह हुआ था।
फातिमा, हजरत मुहम्मद साहब की पुत्री का नाम था और अली इनके दामाद का नाम था।
इस्लाम धर्म का पवित्र ग्रन्थ कुरान हैं। पैगम्बर मुहम्मद साहब की कुरान को देवदूत जिब्रियल ने अरबी भाषा में संप्रेषित किया था। यह ग्रन्थ 114 अध्यायों और 6360 पद्यो में बँटा हुआ हैं। कुरान की शिक्षाओं का उपदेश पैगम्बर मुहम्मद साहब ने दिया।
हजरत मुहम्मद साहब की मृत्यु 8 जून, 632 ईस्वी को मदीना में हुई थीं। इन्हें मदीना में ही दफनाया गया था।
हजरत मुहम्मद साहब की मृत्यु के बाद इस्लाम दो पंथों में विभाजित हो गया।
- सुन्नी
- शिया
सुन्नी :- सुन्नी मुसलमान उन्हें कहते हैं जो सुन्ना में विश्वास करते हैं। पैगम्बर मुहम्मद साहब के कथनों तथा कार्यों का विवरण सुन्ना है ।
शिया :- शिया मुसलमान अली की शिक्षाओं में विश्वास करते हैं, मुहम्मद साहब के दामाद अली थे। तथा अली को मुहम्मद साहब का न्यायसम्मत उत्तराधिकारी मानते हैं। अली, मुहम्मद साहब के दामाद थे।
मुहम्मद साहब के दामाद अली की हत्या 661 ईस्वी में कर दी गई थीं। तथा अली के पुत्र हुसैन की 680 ईस्वी में हत्या इराक के कर्बला नामक स्थान पर कर दी गई थीं। इन दोनों की हत्या ने शिया को निश्चित मत का रूप दे दिया।
‘खलीफा’ पैगम्बर मुहम्मद साहब के उत्तराधिकारी कहलाए।
इस धर्म के अनुसार 1924 ईस्वी तक इस्लाम जगत में खलीफा का पद रहा। यह खलीफा का पड़ 1924 ईस्वी में तुर्की के शासक मुस्तफा कमालपाशा ने समाप्त कर दिया था।
पैगम्बर साहब का जीवन-चरित सबसे पहले इब्न ईशाक ने लिखा था।
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी पर्व पैगम्बर मुहम्मद साहब के जन्मदिन पर मनाया जाता है।
इस्लाम का आगमन भारत में सबसे पहले अरबों के जरिए हुआ था। अरबों ने 712 ईस्वी में भारत के सिंध को जीत लिया था, भारत के इसी भाग में सबसे पहले एक महत्वपूर्ण धर्म इस्लाम बना।
मुसलमान नमाज़ के दौरान मक्का की तरफ मुँह करके खड़े होते हैं। मक्का भारत से पश्चिम की ओर पड़ता है। ” किबला ” मक्का की ओर की दिशा को कहा जाता हैं।