आज हमारा पाचन तंत्र से संबंधित द्वितीय लेख है, जिसमें आज हम पढ़ने वाले हैं कि मुख गुहा क्या है? पाचन तंत्र में मुख गुहा का महत्व क्या है? हमारे मुख (Mouth) अर्थात मुख गुहा में शामिल कौन-कौन से ग्रंथियां है, जो हमारे पाचन में सहायता करती है आज इसमें हम पढ़ेंगे मुख से संबंधित अंग जैसे होंठ (Lips), दाँत (Teeth), जीभ (Tongue) इन सब के बारे में आज हम चर्चा करेंगे और हमारे मुंह में कौन-कौन सी ग्रंथियां है जो लार का निर्माण करती है, इनके बारे में भी विस्तार से चर्चा करेंगे
इससे पहले हम पढ़ चुके हैं-
पाचन तंत्र क्या है? इसके अंग व ग्रंथियां
मुख गुहा क्या है?
मुँह को मुख गुहा या मौखिक गुहा भी कहा जाता है। मानव पाचन तंत्र में, मुंह ऊपरी छोर या आहार नाल की शुरुआत है, जो ग्रसनी और अन्नप्रणाली की ओर जाता है। मनुष्यों में, मुँह या मुख गुहा और नासिका गुहा दोनों तालु द्वारा अलग-अलग होते हैं।
मुख गुहा में मुख्य रूप से दांत, जीभ और लार ग्रंथियां सहित पाचन तंत्र का प्राथमिक अंग शामिल होता है।
मुँह एक छिद्र है जिसके माध्यम से भोजन शरीर के अंदर लिया जाता है। यह होठों से घिरा होता है और इसके अंदरूनी हिस्सों में गाल, जीभ, ऊपरी जबड़ा और निचला जबड़ा शामिल होता है।
मुख गुहा के भाग
मुख गुहा मे निम्न लिखित भाग होते है , जो हमारे भोजन के पाचन के लिए आवश्यक होते है।
A. होंठ (Lips), B. दाँत (Teeth), C. जीभ (Tongue)
मुख गुहा में पाई जाने वाली लार ग्रंथियां-
A. सब्लिंगुअल ग्रंथियां B. सबमांडिबुलर ग्रंथियां C. पैरोटिड ग्रंथियाँ
A. होंठ (Lips):-
मुख दो मॉसल होठो से घिरा रहता है जो मुख को खोलने बंद करने तथा भोजन को पकड़ने में सहायक होते है। होंठ नरम, मांसल और गतिशील संरचनाएं हैं, जो ऑर्बिक्युलिस ऑरिस मांसपेशियों के परिसर से बनती हैं। होठों का लाल-गुलाबी दिखना मुख्य रूप से अंतर्निहित रक्त वाहिकाओं के कारण होता है जो पतले और पारदर्शी उपकला ऊतकों से ढके होते हैं।
B. मुख मुकोसा (Buccal mucosa):-
यह गालों की अंदरूनी परत और होठों का पिछला भाग होता है। यह गालों को गोल आकार प्रदान करता है।
C. दाँत (Teeth):-
वे आपके निगलने से पहले भोजन को कुचलकर या काटकर तोड़ देते हैं। अधिकांश मनुष्यों के 32 दाँत होते हैं, मुख के ऊपर व नीचे के भाग में एक एक जबड़े में 16 – 16 दाँत पाए जाते है। सभी दाँत जबड़े में पाए जाने वाले एक साँचे में स्थित होते हैं। इस साँचे को मसूड़ा (Gum) कहा जाता है।
– दांत का सबसे ऊपरी हिस्सा इनेमल (Enamel) कहलाता है, जो मानव शरीर का सबसे कठोर भाग है।
– मानवों में द्विबारदंती (Diphyodont) दाँत व्यवस्था पाई जाती है। जिसमें जीवन काल में दो प्रकार के दाँत अस्थायी (दूध के दाँत) तथा स्थायी पाए जाते हैं-
– अस्थायी (दूध के दाँत) -: अधिकांश बच्चों में 20 प्राथमिक दांत होते हैं जो 4 महीने से 6 साल की उम्र के बीच बढ़ते (टूटते) हैं। ये दूध के दांत हैं।
– स्थायी दाँत :- वयस्कावस्था में निकले दाँत ‘स्थायी दाँत’ (Permanent tooth) कहलाते हैं।
मनुष्य का दन्त-सूत्र (Dental formula of human beings):
बच्चों के लिए`दन्त-सूत्र :
ऊपर 2102 2102
नीचे 2102 2102
वयस्कों के लिए दन्त-सूत्र :
ऊपर 2123 2123
नीचे 2123 2123
दांत चार प्रकार के होते हैं-
(अ) कृतक (Incisors) – आपके कृन्तक आपके मुँह में सबसे अधिक दिखाई देने वाले दाँत हैं । अधिकांश लोगों के ऊपरी जबड़े पर चार और निचले जबड़े पर चार कृन्तक होते हैं। । जो कुतरने तथा काटने का कार्य करते है। ये छः माह की उम्र में निकलते हैं।
(ब) रदनक (Canines)- Canines अन्य प्रकार के दांतों की तुलना में अधिक नुकीले होते हैं। अधिकांश लोगों के चार कैनाइन दाँत होते हैं। ये दाँत भोजन को चीरने फाड़ने का कार्य करते हैं। ये 16-20 माह की उम्र में निकलते हैं।
(स) अग्र – चवर्णक (Premolars) – प्रीमोलर आपके कैनाइन और आपके दाढ़ (आपके मुंह के पीछे के दांत) के बीच स्थित होते हैं। प्रीमोलर दांतों में कैनाइन और मोलर दोनों की विशेषताएं होती हैं। ये भोजन को चबाने में सहायक होते हैं तथा प्रत्येक जबड़े में 4-4 पाए जाते हैं। ये 10-11 वर्ष की उम्र में पूर्ण रूप से विकसित होते हैं।
(द) चवर्णक (Molars) – आपके दाढ़ के दाँत आपके मुँह के बिलकुल पीछे होते हैं। आपकी अधिकांश चबाने की क्रिया – लगभग 90% – यहीं होती है। ये दंत भी भोजन चबाने में सहायक होते हैं तथा प्रत्येक जबड़े में 6 – 6 पाए जाते हैं। प्रथमतः ये 12 से 15 माह की उम्र में निकलते हैं।
मनुष्य के दाँत के तीन भाग :-
– (i) ऊपरी भाग – शिखर (Crown), (ii) मध्य भाग- ग्रीवा (Neck) तथा (iii) निचला भाग-जड (Root)।
D. जीभ (Tongue):-
यह मुख के अंदर दोनों जबड़ों के मध्य गुहा में स्थित एक मोटी एवं मांसल रचना होती है। इसका अगला सिरा स्वतंत्र तथा पिछला सिरा फर्श से जुड़ा होने के कारण भोजन चबाते समय यह उसे इधर-उधर करने तथा भोजन निगलने में सहायता करती है। जीभ अपनी गति के द्वारा भोजन की निगलने में मदद करता है।
– जीभ हाइपोइड हड्डी से जुड़ी होती है ।
– जीभ लंबाई 10 सेंटीमीटर होती है ।
इसमें कुछ दानेदार उभार होते हैं जिन्हें स्वाद कलियाँ (Taste buds) कहते हैं।
– जीभ अग्रभाग से मीठे स्वाद का ।
– बगल के भाग से खट्टे स्वाद का ।
– पश्च भाग (कंठ के निकट के भाग) से कड़वे स्वाद ।
– जीभ के अग्रभाग के सिरे से नमकीन स्वाद का ।
– जीभ के अग्रभाग से मध्य भाग तक कसैला स्वाद का ।
मुख गुहा में पाई जाने वाली लार ग्रंथियां-
आपकी लार ग्रंथियां लार (थूक) का उत्पादन करती हैं और इसे नलिकाओं, या छोटे छिद्रों के माध्यम से आपके मुंह में खाली कर देती हैं। वे आपके मुंह और गले को चिकनाई देते हैं ।
– हमारे लार का पीएच 6.8 होता है, अर्थात अम्लीय प्रकृति की होती है, हमारे लार में 98% प्रतिशत जल होता है।
– यह ग्रंथियां टायलिन और एमाइलेज का निर्माण करती है, जो स्टार्च का पाचन करते हैं, स्टार्च का पाचन होने के बाद यह माल्टोज में परिवर्तित हो जाता है ।
– जब हमारे भोजन में लार मिक्स हो जाती है, तब उसे बोलस कहा जाता है ।
सब्लिंगुअल ग्रंथियां (Sublingual glands) :
यह हमारे मुंह में जीभ के दोनों और तथा मुंह के तल के नीचे होती है। यह तीनों ग्रंथियां में सबसे छोटी ग्रंथि होती है ।
सबमांडिबुलर ग्रंथियां (Submandibular glands) :
यह हमारी जबड़े के नीचे स्थित होती है, यह दो भागों से बनी होती है: सतही लोब और गहरी लोब। इससे उत्पन्न लार हमारी जीभ के नीचे से मुंह में प्रवेश करती है। यह तीनों ग्रंथियां में सबसे ज्यादा लार उत्पन्न करती है।
पैरोटिड ग्रंथियाँ (Parotid glands) :
पैरोटिड ग्रंथियाँ हमारे कानों के ठीक पास में स्थित होती है। हमारी सबमांडिबुलर ग्रंथियों के समान, हमारी पैरोटिड ग्रंथियों के भी दो भाग होते हैं: सतही और गहरा। हमारी पैरोटिड ग्रंथियों द्वारा उत्पादित लार हमारे ऊपरी दाढ़ों के पास छोटी नलिकाओं से हमारे मुंह में प्रवेश करती है।
FAQ:
हमारे शरीर का सबसे कठोर भाग कौन सा है?
हमारे शरीर का सबसे कठोर भाग हमारे दांत की ऊपरी परत है, दांत का सबसे ऊपरी हिस्सा इनेमल (Enamel) कहलाता है, यह कैल्शियम फास्फेट से बना होता है, यह हमारे दांतों की सुरक्षा करता है, जो मानव शरीर का सबसे कठोर भाग है।
हमारी जीभ (Tongue) किस हड्डी से जुड़ी होती है?
हमारी जीभ हाइपोइड ( कष्ठिका अस्थि, hyoid bone ) हड्डी से जुड़ी होती है । यह एक घोड़े के नल के आकार की हड्डी है जो हमारे थोड़ी और थायराइड हड्डी के बीच गर्दन के आगे मध्य रेखा में स्थित होती है, यह हमारे शरीर में एकमात्र हड्डी हैजो किसी अन्य हड्डी से जुड़ी नहीं होती है।