Secondary Memory in Hindi.

Secondary Memory in Hindi


आज हम पढ़ने वाले Secondary Memory in Hindi के बारे में की Secondary Memory in Hindi क्या होती है? और Secondary Memory in Hindi कितने प्रकार होते हैं इसके बारे में आज इस लेख में हम पूरी विस्तार से चर्चा करेंगे यह लेख प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण तथ्यों अर्थात Fact को cover किया गया है ।

Secondary Memory in Hindi. सेकेंडरी मेमोरी क्या है?

सेकेंडरी मेमोरी इन हिंदी के अन्य नाम :- सहायक (Auxiliary) Memory, बैकिंग स्टोरेज (Backing Storage), द्वितीयक मेमोरी, External Memory ।

Secondary Memory in Hindi एक स्थाई संग्रहण युक्ति है. इसमें संग्रहित डाटा तथा प्रोग्राम्स कम्प्यूटर के ऑफ होने के बाद भी इसमें स्थित रहते हैं. यह एक प्रकार से स्थाई , नॉन वोलेटाइल मेमोरी होती है, इस मेमोरी का उपयोग बड़े डाटा का संग्रहण करने के लिए किया जाता है इस मेमोरी में उपस्थित डाटा बिजली चले जाने पर भी डिलीट नहीं होता है अर्थात इसका उपयोग डाटा को स्थाई तौर पर स्टोर करने के लिए किया जाता है।

Secondary Memory in Hindi

इसे सहायक (Auxiliary) तथा बैकिंग स्टोरेज (Backing Storage) मेमोरी भी कहते हैं। क्योंकि मुख्य मेमोरी अस्थाई तथा बड़े डाटा को संग्रहण नहीं कर सकती है इसलिए द्वितीयक मेमोरी का उपयोग स्थाई तौर पर बड़ी मात्रा में डाटा का संग्रहण करना है।

Secondary Memory in Hindi का उपयोग बड़े डाटा का बैकअप लेने के लिए किया जाता है जो डाटा सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के द्वारा उपयोग में नहीं लाया जाता है उसे सेकेंडरी मेमोरी में स्टोर किया जाता है तथा जब उसकी आवश्यकता पड़ती है तब उस डाटा को main मेमोरी में कॉपी कर दिया जाता है।

सेकेंडरी मेमोरी के प्रकार Types of Secondary Memory in Hindi

types of Secondary Memory in Hindi

Secondary Memory in Hindi को हम डाटा को एक्सेस करने के आधार पर दो भागों में बांट जा सकता है-

A. Sequential access memory B. Direct access memory

A. Sequential access memory

इसे हिंदी में अनुक्रमिक अभिगम स्मृति कहा जाता है, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है यह अपने डाटा को क्रम में पड़ता है।
उदाहरण: मैग्नेटिक टेप

मैग्नेटिक टेप (Magnetic Tape)-

यहां प्लास्टिक या पॉलिएस्टर की बनी होती है इसमें 1/2 इंच चौड़ाई वाली प्लास्टिक की बिना जोड़ वाली लम्बी पट्टी होती है. जिस पर फैरोमैग्नेटिक पदार्थ अर्थात आयरन ऑक्साइड या क्रोमियम डाइऑक्साइड की पर्त चढ़ाई जाती है. इसमें डाटा स्टोर विद्युत सिर को प्रभावित करके किया जाता है सभी मैग्नेटिक टेप ड्राइव में दो रील होते हैं। एक रील के टेप जो पढ़ने या लिखने (Read or Write) में उपयोग होता है फाइल रील (File reel) कहलाता है तथा दूसरा टेकअप रील (Take up reel) कहलाता है।

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B. Direct access memory

यह Sequential access memory के विपरीत है यहां पर डेटा को किसी भी क्रम में एक्सेस किया जा सकता है। 
उदाहरण: फ़्लॉपी डिस्क, हार्ड डिस्क, CD-ROM और DVD.

फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk):

फ्लॉपी डिस्क प्लास्टिक के बायलर की बनी एक वृताकार डिस्क होती है जिसके दो तरफ चुंबकीय पदार्थ की परत चढ़ी होती है फ्लॉपी डिस्क की सुरक्षा के लिए प्लास्टिक के वर्गाकार हाल में बंद रखा जाता है, ये मुख्यतः तीन आकारों 8 इंच, 5.25 इंच और 3.5 इंच में आता है। डेटा को पढ़ने या लिखने के लिए कवर के ऊपर बने छेद (Slot) का उपयोग किया जाता है। ज्यादातर डिस्क ड्राइव में रीड राइट (Read/Write) हेड डिस्क के सतह से भौतिक संपर्क में होते हैं। जो डाटा को read और राइट करने के बाद हेड ऑटोमेटेकली हट जाता है जिससे हमारी टेप को कोई नुकसान नहीं होता है ।

इसमें डेटा सकेंद्रीय वृत्ताकार पथ पर लिखा जाता है। जिन्हें ट्रैक कहा जाता है इन ट्रैक को कहीं छोटे-छोटे भागों में बांटा जाता है जिन्हें सेक्टर कहा जाता है डिस्क को ट्रैक और सेक्टर में विभाजित करने की प्रक्रिया फॉर्मेटिंग कहलाती है ।

प्रत्येक सेक्टर के स्टोरेज क्षमता 512 बीट्स होती है ।
सेक्टर को डाटा स्टोर करने की सबसे छोटी इकाई माना जाता है।

हार्ड डिस्क (Hard Disk):

अन्य नाम: Fixed Disk

हार्ड डिस्क Secondary Memory in Hindi, नॉन वोलेटाइल मेमोरी होती है हार्ड डिस्क CPU के अन्तर्गत डेटा स्टोर करने की प्रमुख डिवाइस होती है। इसमें कंप्यूटर को ऑपरेट करने के लिए आवश्यक सभी सॉफ्टवेयर को स्टोर किया जाता है।
जैसे:- ऑपरेटिंग सिस्टम तथा अन्य सभी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर ड्राइवर आदि।

हार्ड डिस्क अल्युमिनियम धातु की बनी प्लेट होती है जिनकी संख्या कम से कम दो होती है या इससे ज्यादा भी हो सकती है यह एक के ऊपर एक समांतर क्रम में जुड़ी रहती है तथा यह एक एयरक्राफ्ट डिब्बे में बंद रहती है जिसमें धूल और कण नहीं प्रवेश कर सकता है।

हार्ड डिस्क में डाटा को रीड तथा राइट करने के लिए एक हेड लगा होता है जो किसी भी ट्रैक के किसी भी सेक्टर पर सीधे पढ़ तथा लिख सकता है जिससे डेटा के पढ़ने और लिखने की स्पीड दुगनी हो जाती है।

हार्ड डिस्क में डाटा को इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड के द्वारा रीड तथा राइट किया जाता है।

हार्ड डिस्क के कुछ अन्य उदाहरण निम्नलिखित है:-

a. Zip Disk:

ज़िप ड्राइव एक हटाने योग्य फ्लॉपी डिस्क स्टोरेज सिस्टम है, इसका उपयोग Backup लेने तथा बड़े File को आसानी से इस स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है इसका विकास 1995 में फ्लॉपी डिस्क के स्थान पर किया गया था।

b. Disk Pack:

इसे 1960 के दशक में पेश किया गया था।

c. Winchester Disk:

वर्तमान में जीस हार्ड डिस्क का उपयोग कंप्यूटर में किया जा रहा है वह मैनचेस्टर डिस्क है सामान्यतः कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम को जिस ड्राइव में इंस्टॉल किया जाता है उसका नाम सामान्यतः सी ड्राइव होता है और c ड्राइव में ही सभी सॉफ्टवेयर प्रोग्राम तथा हार्डवेयर ड्राइवर को स्टोर किया जाता है। Secondary Memory in Hindi

CD – Compact Disk

Secondary Memory in Hindi में सीडी का फुल फॉर्म Compact Disk होता है CD को अन्य नाम ऑप्टिकल डिस्क के नाम से भी जाना जाता है।

इसमें डाटा को पढ़ने व लिखने के लिए लेजर  “light amplification by stimulated emission of radiation.” का उपयोग किया जाता है इसी कारण से ऑप्टिकल डिस्क कहा जाता है।

सीडी प्लास्टिक की बनी पारदर्शक डिस्क होती है इसमें दोनों और अल्युमिनियम की परत चढ़ाई जाती है।

CD में सर्पिलाकार track बने होते हैं जिनमें डाटा को स्टोर किया जाता है इस डाटा को पढ़ने के लिए सीडी ड्राइव का उपयोग किया जाता है जिस पर रेड और राइट हैड लगे होते हैं।

CD के कुछ अन्य उदाहरण निम्नलिखित है:-

a. CD-ROM b. CD-R c. CD-RW

a. CD-ROM – Compact Disc Read-Only Memory

इसका फुल फॉर्म Compact Disc Read-Only Memory होता है CD-ROM डाटा को डिलीट या Edit नहीं किया जा सकता ओन्ली फॉर इसे रीड किया जा सकता है इसमें डाटा को पढ़ने के लिए इंफ्रारेड लेजर बीम का उपयोग किया जाता है इस की स्टोरेज क्षमता 700mb तक होती है। Secondary Memory in Hindi

b. CD-R – Compact Disc Recordable

इसका फुल फॉर्म Compact Disc Recordable होता है CD-R में डाटा को केवल एक बार ही रिकॉर्ड किया जा सकता है और उस डाटा को बाद में कई बार पढ़ा जा सकता है इसीलिए इसे WORM (write once, read many) DISK भी कहा जाता है।

c. CD-RW – Compact Disc-Rewritable

इसका फुल फॉर्म Compact Disc-Rewritable होता है जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है इसमें डाटा को कई बार स्टोर किया जा सकता है और उसे डिलीट भी किया जा सकता है और उसे बाद में बार-बार पढ़ा भी जा सकता है इसमें डाटा को लेजर बीम की सहायता से स्टोर या डिलीट किया जा सकता है। Secondary Memory in Hindi

DVD – Digital Verstile Disc

DVD फुल फॉर्म Digital Video Disc / Digital Verstile Disc होता है DVD स्टोरेज कैपेसिटी 4.7 जीबी तक होती है यदि इसके दोनों सतह पर डाटा का स्टोर किया जाए तो इसकी स्टोरेज कैपेसिटी बढ़कर 17 जीबी तक हो जाती है। Secondary Memory in Hindi

वर्तमान में एचडी डीवीडी को का उपयोग किया जा रहा है जो डीवीडी की तुलना में बहुत अधिक data को स्टोर कर सकती है अर्थात इसकी मेमोरी क्षमता डीवीडी की तुलना में बहुत अधिक होती है।

BRD – Blue-Ray Disc

BRD फुल फॉर्म Blue-Ray Disc होता है डीवीडी और BRD में मुख्य डिफरेंस यह होता है कि इसमें लाल लेजर किरण के स्थान पर ब्लू लेजर किरण का उपयोग किया जाता है जो की 400 नैनोमीटर की होती है इसकी स्टोरेज क्षमता डीवीडी की तुलना में कई गुना अधिक होती है BRD की स्टोरेज क्षमता 25gb एक लेयर दोनों लेयर पर अगर स्टोर किया जाए तो 50 जीबी तक होती है। Secondary Memory in Hindi

Flash Memory:

Flash मेमोरी एक प्रकार की नॉन वोलेटाइल इलेक्ट्रॉनिक मेमोरी है जिसमें विद्युत प्रवाह द्वारा नए डाटा या पूरा नहीं डाटा को हटाकर डाटा स्टोर किया जाता है इसमें मुख्य रूप से ईईप्रोम का प्रयोग प्लीज मेमोरी के रूप में किया जाता है इसका उपयोग पेन ड्राइव लैपटॉप फॉर्म टॉप स्मार्टफोन प्रिंटर आदि में किया जाता है इस मल्टीमीडिया कार्ड भी कहा जाता है।

Secondary Memory in Hindi

FAQ:

हार्ड डिस्क में सेक्टर किसे कहा जाता है?

हार्ड डिस्क डेटा सकेंद्रीय वृत्ताकार पथ पर लिखा जाता है। जिन्हें ट्रैक कहा जाता है, इन ट्रैक को कहीं छोटे-छोटे भागों में बांटा जाता है, जिन्हें “सेक्टर” कहा जाता है डिस्क को ट्रैक और सेक्टर में विभाजित करने की प्रक्रिया फॉर्मेटिंग कहलाती है । प्रत्येक सेक्टर के स्टोरेज क्षमता 512 बीट्स होती है। सेक्टर को डाटा स्टोर करने की सबसे छोटी इकाई माना जाता है।

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