चेदी वंश
चेदी वंश की उत्पत्ति एवं विकास
आज हम चेदी वंश क्या हैं? इससे संबंधित महत्वपूर्ण रोचक तथ्य की जानकारी के बारें में कुछ महत्वपूर्ण बातों की चर्चा करेंगे। कि चेदि वंश या चेती राजवंश का उदय पहली शताब्दी ईसा पूर्व हुआ था। इस वंश को चेता या चेत वंश या महामेघवाहन वंश भी कहा जाता हैं। यह वंश यादवों का एक बहुत प्राचीन वंश हैं।
चेदी वंश के संस्थापक
पुराणों में कहा गया हैं कि विदर्भ के पुत्र और यादव वंश से सम्बंधित चिदि ने चेदी वंश और उसके साम्राज्य की स्थापना पहली शताब्दी ईसा पूर्व में की थीं। बाद में पुरुरवा राजा वासु उपरिचार ने इन्द्र के आदेश पर चेदी वंश पर विजय प्राप्त कर उस पर शासन किया था।शिशुपाल उपरिचार का वंशज था।
चेदी वंश के बारें में जानकारी
इस वंश के बारें में भुवनेश्वर के पास स्थित हाथीगुम्फा शिलालेख में वर्णन किया गया हैं। राजा खारवेल द्वारा इस शिलालेख का उत्कीर्ण कराया गया था। यह चेदी वंश के तीसरे राजा थे। यह जैन धर्म के अनुयायी थे।
इस वंश के सबसे शक्तिशाली नरेश ” कशु ” का उल्लेख ऋग्वेद की दानस्तुति में मिलता हैं। ऋग्वेदकाल में कहा गया हैं कि यह यमुना नदी और विंध्य क्षेत्र के बीच में बसे हुए थे।
प्रारम्भिल वैदिक काल में चेदी क्षत्रियों में चेदी यादव सबसे प्राचीन जनजातियों में से एक था। चेदी राजाओं ने ऋग्वेद के काल में ही यज्ञों में अपने उदार उपहारों से बड़ी ख्याति अर्जित कर ली थीं। आभीर वंश के संस्थापक ईश्वरसेन उर्फ महाक्षत्रप ईश्वरदत्त थे दक्कन के एक बड़े क्षेत्र पर इन्होंने शासन किया था, इन्होंने एक युग की शुरुआत की थीं, जिस युग को कलचुरी – चेदी के नाम से जाना जाता हैं।
चेदी वंश क्या हैं? इससे सम्बंधित महत्वपूर्ण रोचक तथ्य
इस राजवंश पर महाभारत के अनुसार, मगध के जरासंध और कुरु के दुर्योधन के सहयोगी शिशुपाल का शासन था। वह वासुदेव कृष्ण के प्रतिद्वंद्वी थे जो उनके चाचा के बेटे थे।
वासुदेव कृष्ण द्वारा वह पांडव राजा युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ के दौरान मारा गया था । चेदि नकुल की पत्नी थी। कुरुक्षेत्र में युद्ध के दौरान प्रमुख चेदियों में शिशुपाल, नकुल की पत्नी करेणुमती, सुकेतु, दमघोष, धृष्टकेतु , धृष्टकेतु के पुत्र, सरभ, सभी शामिल थे। अन्य चेदियों में राजा उपरिचार वसु, उनके बच्चे, राजा सुवाहु, राजा सहज शामिल थे। प्रारंभिक काल में देश के मध्य भाग में पौरव राजाओं और बाद में यादव राजाओं द्वारा शासन किया गया।
एक राज्य मध्य प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में यमुना नदी के दक्षिण में केन नदी के किनारे पड़ता था । सुक्तिमती इस राज्य की राजधानी थीं यह शुक्तिमती नदी के तट पर स्थित चेदी वंश की राजधानी थीं इस राजधानी को संस्कृत में सुक्तिमती कहा जाता था।