यादव, होयसल, कदम्ब, गंग और काकतीय वंश  के इतिहास की घटनाओं का उल्लेख

यादव और होयसल वंश

यादव, होयसल, कदम्ब, गंग और काकतीय वंश  के इतिहास की घटनाओं का उल्लेख 

• आज हम इस लेख में यादव, होयसल, कदम्ब, गंग और काकतीय वंश के इतिहास घटनाओं का उल्लेख नीचे इस प्रकार दिया गया हैं जिसे आप अपनी competitive exam के आधार पर पढ़ सकते हैं। 

यादव और होयसल वंश

यादव वंश

• भिल्लम पंचम ने देवगिरि के यादव वंश की स्थापना की स्थापना की थीं। इसलिए भिल्लम पंचम को यादव वंश का संस्थापक माना जाता हैं। यादव वंश की राजधानी देवगिरि थीं।

• इस वंश का सबसे महानतम प्रतापी शासक सिंधण था। इसका शासनकाल लगभग 1210 ईस्वी से 1246 ईस्वी के मध्य माना जाता हैं। 

• रामचंद्र यादव वंश का सबसे अंतिम स्वतंत्र शासक था। इसने मलिक काफूर के सामने जो कि अलाउद्दीन खिलजी का सेनापति था आत्मसमर्पण किया था। 

• देवगिरि में आधुनिक भारत के कई क्षेत्र जैसे – उत्तरी कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कुछ भाग शामिल थे। इस वंश को गवली राज के नाम से भी जाना जाता था।

• इस वंश के शासकों ने नर्मदा नदी से लेकर तुंगभद्रा नदी तक शासन किया था। 

• संगीत रत्नाकर नामक ग्रन्थ की रचना शारंगदेव ने की थीं, जो संगीतशास्त्री थे और शासक सिंधण के दरबार में रहते थे।

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होयसल वंश

• विष्णुवर्धन ने द्वार समुद्र के होयसल वंश की स्थापना की थी। इसलिए विष्णुवर्धन को होयसल वंश का संस्थापक माना जाता हैं।

• यादव वंश की एक शाखा ही होयसल वंश थीं। 

• इस वंश के शासकों ने लगभग दसवीं शताब्दी से चौदहवीं शताब्दी तक शासन किया था। इस वंश के शासकों ने लगभग 317 वर्षों तक शासन किया था। 

• विष्णुवर्धन ने चेन्ना केशव मंदिर का निर्माण लगभग 1117 ईस्वी में बैल्लुर में किया था।

• होयसलेश्वर मंदिर हलेविडू में स्थित हैं, जो कि माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित हैं। इस मंदिर का निर्माण विष्णुवर्धन के शासनकाल में हुआ था। 

 • वीर बल्लाल तृतीय होयसल वंश का सबसे अंतिम शासक था, मलिक काफूर को इसी ने पराजित किया था।

• इस वंश की राजधानी द्वार समुद्र ( वर्तमान हलेविड ) थीं।

होयसल वंश के प्रमुख शासक 

कदम्ब, गंग और काकतीय वंश

कदम्ब वंश

• मयूर वर्मन ने कदम्ब वंश की स्थापना की थीं। इसलिए मयूर शर्मन को कदम्ब वंश का संस्थापक माना जाता हैं। इस वंश की राजधानी वनवासी थीं। यह एक क्षत्रिय राजवंश था जो कि दक्षिण भारत का था। कर्नाटक में एक छोटा सा राज्य स्थापित किया था। यह वंश लगभग 345 ईस्वी से 540 ईस्वी तक चला था।

• मयूर वर्मन इस वंश का सबसे प्रथम कर प्रतापी शासक था। इसका शासनकाल लगभग 345 ईस्वी से लेकर 365 ईस्वी के मध्य माना जाता हैं। 

• इस वंश का सबसे अंतिम शासक हरिवर्मन था, जिसका शासनकाल लगभग 519 ईस्वी से लेकर 540 ईस्वी के मध्य था।

कदम्ब वंश के प्रमुख शासक 

गंग वंश

• वज्रहस्त पंचम ने गंग वंश की स्थापना की थीं। इसलिए गंग वंश का संस्थापक वज्रहस्त पंचम को माना जाता हैं।

• कोंकणी वर्मा को अभिलेखों के अनुसार गंग वंश का प्रथम राजा माना जाता हैं। यह पश्चिमी गंग वंश का शासक था।

• कलिंग पर पूर्वी गंग वंश के शासकों ने लगभग 1004 ईस्वी से लेकर 1435 ईस्वी तक शासन किया था।

• कुवलाल ( कोलर ) गंग वंश की प्रारम्भिक राजधानी थीं, जो बाद में बदलकर तलकाड हो गयी थीं। 

• गंग वंश का शासक माधव प्रथम दत्तकसूत्र पर टिप्पणी लिखने वाला शासक था।

काकतीय वंश

• वीटा प्रथम ने काकतीय वंश की स्थापना की थीं इसलिए काकतीय वंश के संस्थापक के रूप में वीटा प्रथम को जाना जाता हैं। जिसने हैदराबाद के नलगोंडा में एक छोटे राज्य का गठन किया था। इस वंश की राजधानी अंमकोण्ड थीं। 

काकतीय वंश के प्रमुख शासक 

शासकशासनकाल
यर्रय्या या बेतराज प्रथम1000 ईस्वी से 1050 ईस्वी तक
प्रोलराज प्रथम1050 ईस्वी से 1080 ईस्वी तक
बेतराज द्वितीय1080 ईस्वी से 1115 ईस्वी
प्रोलराज द्वितीय1115 ईस्वी से 1158 ईस्वी तक
रुद्रदेव या प्रतापरुद्र प्रथम1158 ईस्वी से 1197 ईस्वी तक
महादेव और गणपति1197 ईस्वी से 1261 ईस्वी तक
रुद्रमादेवी1261 ईस्वी से 1296 ईस्वी तक
प्रतापरुद्र द्वितीय1296 ईस्वी से 1325 ईस्वी तक

• इस वंश का सबसे महानतम और शक्तिशाली राजा गणपति था। गणपति की बेटी का नाम रुद्रमादेवी था, जिसने रुद्रदेव महाराज का नाम ग्रहण किया। इनकी बेटी रुद्रमादेवी ने काकतीय वंश पर लगभग 35 वर्षों तक शासन किया था। 

• गणपति ने अपनी राजधानी अंमकोण्ड से वारंगल में स्थानांतरित की थीं। 

• प्रताप रुद्र इस वंश का सबसे अंतिम शासक था। प्रताप रुद्र का शासनकाल लगभग 1295 ईस्वी से लेकर 1323 ईस्वी के मध्य तक था। 

• काकतीय वंश की उपाधियाँ निम्नानुसार थीं।

  • रायगजकेसरी         
  • दयागजकेसरी 

• काकतीय वंश के शासक प्रताप रुद्र को दयागजकेसरी की उपाधि प्रदान की गयी थीं। और रुद्रमादेवी को रायगजकेसरी की उपाधि प्रदान की गयी थीं। यह उपाधि रुद्रमादेवी को अपने पिता प्रताप रुद्र से मिली थीं। इन उपाधियों को सिक्कों पर भी अंकित किया जाता था। 

यादव, होयसल, कदम्ब, गंग और काकतीय वंश की घटनाओं से संबंधित प्रश्न

प्रश्न : देवगिरि के यादव वंश की स्थापना किसने की थीं?

उत्तर : देवगिरि के यादव वंश की स्थापना भिल्लम पंचम ने की थीं और यादव वंश की राजधानी देवगिरि थीं।

प्रश्न : संगीत रत्नाकर नामक ग्रन्थ की रचना किसने की थीं, जो सिंधण के दरबार में रहते थे?

उत्तर : संगीत रत्नाकर नामक ग्रन्थ की रचना शारंगदेव ने की थीं जो यादव वंश के शासक सिंधण के दरबार में रहते थे।

प्रश्न : चेन्ना केशव मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?

उत्तर : चेन्ना केशव मंदिर का निर्माण विष्णुवर्धन ने लगभग 1117 ईस्वी में बेलूर में करवाया था जो कि होयसल वंश के संस्थापक थे।

प्रश्न : होयसल वंश का होयसलेश्वर मंदिर कहा स्थित हैं?

उत्तर : होयसल वंश का होयसलेश्वर मंदिर हलेविडू में स्थित हैं यह मंदिर विष्णुवर्धन के शासनकाल में बनवाया गया था तथा यह मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित हैं।

प्रश्न : कदम्ब वंश का सबसे अंतिम शासक कौन था?

उत्तर : कदम्ब वंश का सबसे अंतिम शासक हरिवर्मन था।

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