mp rajya mahila aayog मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग: उद्देश्य, संरचना और कार्य (Madhya Pradesh State Women Commission) Top 10 Fact

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मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग mp rajya mahila aayog की स्थापना प्रदेश में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और उनके विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई थी। यह आयोग महिलाओं के प्रति भेदभाव, अत्याचार और हिंसा की घटनाओं को कम करने और उनके कल्याणकारी कार्यों को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय भूमिका निभाता है।

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मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग । mp rajya mahila aayog

मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग की स्थापना 23 मार्च 1998 को की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना, उनके प्रति होने वाले भेदभाव को समाप्त करना और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। यह आयोग प्रदेश की महिलाओं के लिए एक सशक्त मंच के रूप में कार्य करता है, जहां वे अपने अधिकारों और समस्याओं के लिए आवाज उठा सकती हैं। mp rajya mahila aayog

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मुख्यालय

राज्य महिला आयोग का मुख्यालय मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित है। यह आयोग महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत कार्य करता है और महिलाओं के लिए सरकारी योजनाओं और नीतियों

मुख्यालय: मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग, 35, राजीव गांधी भवन, खंड-2, प्रथम तल, श्यामला हिल्स, भोपाल – 462002।

संबंधित विभाग: यह आयोग महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत कार्य करता है।

Official website: – https://mpswc.nic.in/

उद्देश्य:

मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की महिलाओं को सशक्त करना और उनके हितों की रक्षा करना है। आयोग के अन्य उद्देश्य हैं:

  • महिलाओं के प्रति भेदभाव को समाप्त करना।
  • महिलाओं के गरिमा और सम्मान को सुनिश्चित करना।
  • हर क्षेत्र में महिलाओं को विकास के समान अवसर प्रदान करना।
  • महिला विरोधी अपराधों पर त्वरित कार्रवाई करना।
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संरचना:

मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग 7 सदस्यीय आयोग है, जिसमें 6 सदस्य अशासकीय और 1 सदस्य शासकीय होता है।

  1. अध्यक्ष:
    • कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त।
  2. सदस्य:
    • कुल 6 सदस्य, जिनमें से 5 अशासकीय होते हैं।
    • इनमें से एक सदस्य SC/ST या OBC से होना अनिवार्य।
    • अशासकीय सदस्यों को राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त होता है।
  3. सदस्य सचिव:
    • यह राज्य सरकार का उप सचिव स्तर का अधिकारी होता है।
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पदावधि:

अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो पहले हो।

इस्तीफा और निष्कासन:

  • आयोग के अध्यक्ष और सदस्य लिखित रूप में राज्य सरकार को इस्तीफा दे सकते हैं।
  • राज्य सरकार निम्न कारणों से उन्हें पद से हटा सकती है:
    • दिवालिया घोषित होना।
    • मानसिक अस्वस्थता।
    • नैतिक अधमता का अपराध सिद्ध होना।
    • कार्य करने में असमर्थता।
    • लगातार तीन अधिवेशनों में अनुपस्थिति।
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कार्य:

राज्य महिला आयोग महिलाओं के संवैधानिक और विधिक अधिकारों की सुरक्षा हेतु निम्नलिखित कार्य करता है:

  • महिलाओं की सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार।
  • प्रताड़ित महिलाओं को उचित संरक्षण दिलाने के प्रयास।
  • महिला जेलों और अस्पतालों की स्थिति में सुधार।
  • महिला शिक्षा और स्वावलंबन कार्यक्रमों को प्रोत्साहन।
  • दुष्कर्म पीड़िताओं के लिए त्वरित न्याय और पुनर्वास।
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महिला आयोग द्वारा प्रमुख सिफारिशें:

  • दुष्कर्म के मामलों में पीड़िता की त्वरित सुनवाई और पुनर्वास।
  • फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना।
  • पीड़िता को मनोवैज्ञानिक और चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराना।
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मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग के अब तक के अध्यक्ष

  1. कृष्णकांत तोमर (2011 – 2014)
  2. उपमा राय (2014 – 2017)
  3. लता वानखेड़े (2017 – 2020)
  4. शोभा ओझा (2020 – वर्तमान)

(नोट: आंकड़े 2011 से उपलब्ध हैं।)

महत्वपूर्ण तथ्य:

  • आयोग में 7 सदस्य होते हैं – 1 अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री का दर्जा) और 6 सदस्य (5 अशासकीय)।
  • 6 सदस्यों में से 1 सदस्य SC/ST/OBC समुदाय से होना अनिवार्य है।
  • सदस्य सचिव राज्य सरकार के उपसचिव श्रेणी का अधिकारी होता है।
  • अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (जो पहले हो) तक होता है।
  • आयोग महिला विरोधी अपराधों की जांच, त्वरित कार्रवाई और सिफारिशें करता है।
  • आयोग महिला शिक्षा, स्वावलंबन और कल्याणकारी योजनाओं को प्रोत्साहन देता है।
  • दुष्कर्म पीड़िताओं के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की सिफारिश की गई।
  • अब तक के प्रमुख अध्यक्ष:
    • कृष्णकांत तोमर (2011)
    • उपमा राय (2014)
    • लता वानखेड़े (2017)
    • शोभा ओझा (2020)

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