आज हम पढ़ेंगे मॉनिटर के बारे में की मॉनिटर क्या होता है, और यह कितने प्रकार का होता है और मॉनिटर की गुणवत्ता किस आधार पर मापी जाती है।
मॉनिटर क्या है?
मॉनिटर एक प्रकार से टीवी के समान दिखने वाला डिवाइस होता है यह एक इनपुट डिवाइस है जिसका उपयोग कंप्यूटर में दिए गए इनपुट की प्रक्रिया या चित्र को आउटपुट के रूप में देखने के लिए किया जाता है या आउटपुट में मॉनिटर की स्क्रीन पर प्रदर्शित होता है मॉनिटर कंप्यूटर तथा यूजर के बीच संबंध दर्शाने का कार्य करता है इसे एक अन्य नाम VDU(विजुअल डिस्प्ले यूनिट/ डिवाइस) के नाम से भी जाना जाता है।
मॉनिटर के प्रकार निम्नलिखित है
1) कलर के आधार पर 2)टेक्नोलॉजी के आधार की
1) कलर के आधार पर:
कलर के आधार पर मॉनिटर दो प्रकार के होते हैं-
A) मोनोक्रोम मॉनिटर:
शुरुआती दौर में मोनोक्रोम मॉनिटर का उपयोग किया गया था, मोनोक्रोम का अर्थ होता है:- एक ही रंग, अर्थात मोनोक्रोम टेक्स्ट को प्रदर्शित करने के लिए एक ही रंग का प्रयोग करते हैं।
B) कलर मॉनिटर:
वर्तमान में सबसे अधिक कलर मॉनिटर का उपयोग किया जा रहा है, कलर मॉनिटर एक ही समय में 256 प्रकार के रंगों को प्रदर्शित कर सकता है, या सामान्यतः तीन रंग का उपयोग करता है रेड, ग्रीन, ब्लू ।
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2)* टेक्नोलॉजी के आधार पर:
टेक्नोलॉजी के आधार पर मॉनिटर चार प्रकार के होते हैं-
A) CRT-कैथोड रे ट्यूब B) LCD- लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले C) LED-लाइट एमिटिंग डायोड D) 3D मॉनिटर
A)* CRT कैथोड रे ट्यूब
यह एक प्रकार का टीवी के आकार का मॉनिटर होता था इसका उपयोग थर्ड जनरेशन से प्रारंभ हुआ वर्तमान में इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है कैथोड राय ट्यूब एक आयताकार आकार का बड़ा सा TUBE होता था जिसमें इसके आगे के भाग में फास्फोरस लिक्विड भरा होता तो था इसके पीछे के भाग में इलेक्ट्रॉन गन से कैथोड RAYS निकलती थी जिNHE उच्च वोल्टेज द्वारा इलेक्ट्रॉन BIM को नियंत्रित कर डिस्प्ले को प्राप्त किया जाता था ।
B)* LCD लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले
एलसीडी एक प्रकार से सीआरटी से महंगी तथा पतली एक आउटपुट डिवाइस होती है यह सीआरटी की तुलना में जगह भी कम गिरती है इसमें दो परतों के बीच में एक तरल पदार्थ ट्विस्टेड नेमैटिक लिक्विड क्रिस्टल भरा होता है, इस तरंग पदार्थ को वोल्टेज द्वारा प्रभावित कर डिस्प्ले प्राप्त किया जाता है एलसीडी स्वयं कोई प्रकाश उत्पन्न नहीं करती है बल्कि यह स्वयं पर पड़ने वाले प्रकाश को रिफ्लेक्ट(मॉडुलेट) करती है, इसका आविष्कार लैपटॉप के मॉनिटर के रूप में सन 1990 में किया गया था इसका उपयोग वर्तमान में नोटबुक पर्सनल कंप्यूटर डिजिटल घड़ियां आदि में किया जा रहा है।
C)* LED लाइट एमिटिंग डायोड
एलईडी लाइट एमिटिंग डायोड एक प्रकार का प्रकाश आउटपुट डिवाइस है ,जो डिजिटल डिस्प्ले प्रदर्शित करता है यह एलसीडी की तुलना में और अधिक पतले तथा इनकी रिफ्रेश रेट व रेजोल्यूशन एलसीडी की तुलना में काफी अधिक होता है एलईडी मुख्य रूप से लाल प्रकाश को उत्सर्जित करते हैं लेकिन वर्तमान में आज एलईडी लाल हरा और नीला प्रकाश भी उत्पन्न करते हैं बैक लाइट के रूप में इनमें बेहतर प्रकाश उत्सर्जन के लिए एलईडी बल्ब का प्रयोग किया जाता है यह मॉनिटर व एलसीडी की तुलना में बहुत ही कम इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूम करते हैं इनका उपयोग वर्तमान में मॉनिटर नोटबुक मोबाइल आदि की डिस्प्ले के रूप में किया जा रहा है।
D)* 3D मॉनिटर
3डी डिस्प्ले को स्टीरियोस्कोपिक डिस्प्ले कहा जाता है , THREE डाइमेंशन में देखने के लिए 3D मॉनिटर आउटपुट का उपयोग किया जाता है यह दो डाइमेंशन मॉनिटर की अपेक्षा ज्यादा स्पष्ट और साफ चित्र दिखाता है इस मॉनिटर में देखा गया चित्र ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि वह बिल्कुल अपने सामने ही है।
पहला 3डी डिस्प्ले 1832 में सर चार्ल्स व्हीटस्टोन द्वारा बनाया गया था ।
मॉनिटर की गुणवत्ता को निम्न चार प्रकार से मापा जाता है-
A)डॉट पिच B) रेजोल्यूशन C)रिफ्रेश रेट D)रिस्पांस टाइम
A)* डॉट पिच
डॉट पिच को कभी-कभी लाइन पिच , स्ट्राइप पिच या फॉस्फोर पिच भी कहा जाता है, डॉट पिच 2 कलर्ड पिक्सल के विकरणों के बीच की दूरी को डॉट पिच कहते हैं डॉट पिच जितनी कम होती है मॉनिटर की गुणवत्ता उतनी ही अधिक होती है अर्थात यदि किसी मॉनिटर की डॉट पिच कम से कम हो तो उसका रेजोल्यूशन उतना ही अधिक होगा तथा उसे मॉनिटर में चित्र भी काफी स्पष्ट दिखाई देंगे डॉट पिच को डॉट पर इंच में मापा जाता है जो एक इंच लंबाई में DOT/ पिक्सल की कुल संख्या के बराबर होता है, डॉट पिच क्लेरिटी के प्रोपोर्शनल होती है।
B)* रेजोल्यूशन
किसी मॉनिटर का रेजोल्यूशन उसके होरिजेंटल और वर्टिकल पिक्सल की संख्या के गुणनफल के बराबर होता है किसी मॉनिटर की रेजोल्यूशन जितना अधिक होगा उसके पिक्सल उतने नजदीक होंगे और चित्र उतना ही अधिक अपने को स्पष्ट दिखाई देगा अर्थात रेजोल्यूशन की अधिक होने पर मॉनिटर की गुणवत्ता में सुधार आता है।
C)* रिफ्रेश रेट
रिफ्रेश रेट यह बताता है कि मॉनिटर का एक सेकंड में कितनी बार सूचना को रिफ्रेश करता है अर्थात मॉनिटर द्वारा किसी सूचना को रिफ्रेश करने में लगे समय को रिफ्रेश रेट कहा जाता है इस मॉनिटर द्वारा हर समय मापा जाता है रिफ्रेश रेट जितनी अधिक होगी मॉनिटर की गुणवत्ता उतनी ही अधिक होती है ।
D)* रिस्पांस टाइम
किसी पिक्सल द्वारा एक रंग को बदलकर दूसरे रंग में प्रदर्शित करन में जो लगा समय रिस्पांस टाइम कहलाता है अर्थात मॉनिटर के पिक्सेल के द्वारा जब एक रंग को बदलकर दूसरे रंग को प्रदर्शित करने में जो समय लगता है उसे रिस्पांस टाइम कहते हैं रिस्पांस टाइम जितना काम होता है मॉनिटर की क्वालिटी उतनी ही अधिक अच्छी होती है ,बेहतर मॉनिटर के लिए रिस्पांस टाइम कम होना चाहिए।
3D मॉनिटर क्या है?
3D मॉनिटर को “स्टीरियोस्कोपिक डिस्प्ले” कहा जाता है, यह हमें थ्री डाइमेंशनल में पिक्चर या वीडियो को दिखाता है, यह 2 डाइमेंशनल की अपेक्षा ज्यादा स्पष्ट और साफ चित्र दिखाता है , पहले थ्री डाइमेंशन डिस्प्ले का अविष्कार 1832 में सर चार्ल्स व्हीटस्टोन द्वारा बनाया गया था ।
TFT का फुल फॉर्म क्या है?
TFT का फुल फॉर्म “THIN फिल्म ट्रांजिस्टर” है , टीएफटी को छवि गुणवत्ता में सुधार करने के लिए बनाया गया है यह एलसीडी का एक प्रकार है, इसका उपयोग एलसीडी डिस्प्ले के साथ किया जाता है , इसलिए टीएफटी डिस्पले एक सक्रिय मैट्रिक्स डिस्प्ले है , जिसमें प्रत्येक डिस्प्ले पिक्सल व्यक्तिगत रूप से प्रकाशित होता है।
AMOLED का फुल फॉर्म क्या है?
AMOLED का फुल फॉर्म “Active Matrix Organic Light Emitting Diode”(एक्टिव-मैट्रिक्स ऑर्गेनिक लाइट-एमिटिंग डायोड) है, यह एक एलइडी का ही प्रकार है यह OLED से बेहतर प्रदर्शन करता है।