जानिए तुगलक वंश का सम्पूर्ण इतिहास और MCQ

तुगलक वंश

तुगलक वंश 

• इस लेख में आपको तुगलक वंश के इतिहास की महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी हैं और इस वंश से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न भी दिए गए हैं जिन्हें आप हल कर सकते हैं।

Table of Contents

• तुगलक वंश की स्थापना गयासुद्दीन तुगलक ने की थीं। यह वंश के शासकों ने लगभग दिल्ली सल्तनत पर 78 वर्षों तक शासन किया। इस वंश के शासकों ने 1320 ईस्वी से लेकर 1398 ईस्वी तक शासन किया था। 

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तुगलक वंश

तुगलक वंश के शासक, शासनकाल और महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ

तुगलक वंश के महत्वपूर्ण शासकों का वर्णन 

गयासुद्दीन तुगलक 

• गयासुद्दीन तुगलक ने खुशरों खाँ को 5 सितंबर 1320 ईस्वी पराजित करके दिल्ली के राज सिंहासन पर 8 सितम्बर 1320 ईस्वी को बैठा था। तुगलक गाजी या गाजी मलिक गयासुद्दीन तुगलक के नाम से राज गद्दी पर बैठा था। अलाउद्दीन के शासनकाल में अमीरों की ली गयी भूमि को गयासुद्दीन तुगलक ने पुन: लौटा दिया था। इसने कुएँ एवं नहरों का निर्माण सिंचाई के लिए करवाया था। गयासुद्दीन नहरों का निर्माण करने वाला प्रथम शासक था। 

• तुगलकाबाद नाम का एक नया नगर गयासुद्दीन तुगलक ने दिल्ली के समीप स्थित पहाड़ियों पर बसाया था। गयासुद्दीन तुगलक ने तुगलकाबाद नगर में रोमन शैली में निर्मित एक दुर्ग का निर्माण भी करवाया था। छप्पनकोट के नाम से इस दुर्ग को जाना जाता हैं। 

मुहम्मद बिन तुगलक द्वारा क्रियान्वित क्रमशः चार योजनाएँ

  1. दोआब क्षेत्र में कर-वृद्धि (1326-1327 ई.)।   
  2. राजधानी-परिवर्तन (1326-27 ई.)।   
  3. सांकेतिक मुद्रा का प्रचलन (1329-30 ई.)।  
  4. खुरासन एवं कराचिल का अभियान ।

• 1325 ईस्वी में बंगाल से लौटते समय गयासुद्दीन तुगलक की मृत्यु जूना खाँ द्वारा बनाये गए लकड़ी के महल में दबकर हो गयी थीं। 

मुहम्मद बिन तुगलक 

• गयासुद्दीन के बाद मुहम्मद बिन तुगलक दिल्ली के सिंहासन पर बैठा था। मुहम्मद बिन तुगलक का मूल नाम जौना खाँ था।मुहम्मद बिन तुगलक मध्यकालीन सभी सुल्तानों में सर्वाधिक विद्वान, शिक्षित एवं योग्य व्यक्ति था।

• इसको कर कृत्यों, अपनी सनक भरी योजनाओं और दूसरे के सुख दुःख के प्रति उपेक्षा भाव रखने के कारण इसे पागल, रक्तपिपासु एवं स्वप्नशील कहा गया हैं। अमीर-ए-कोही नामक एक नवीन विभाग की स्थापना मुहम्मद बिन तुगलक ने कृषि के विकास के लिए की थीं। इसने दिल्ली से अपनी राजधानी को देवगिरि स्थानांतरित किया था और उसका नाम दौलताबाद रख दिया था।

• मुहम्मद बिन तुगलक ने सांकेतिक मुद्रा के अन्तर्गत फरिश्ता के अनुसार काँसा और बरनी के अनुसार ताँबा नामक धातुओं कर सिक्के चलवाए थे।  चाँदी के रुपए टंका के बराबर इन सिक्कों का मूल्य होता था। मुहम्मद बिन तुगलक को एडवर्ड थॉमस ने ” प्रिंस ऑफ मनीअर्स ” की संज्ञा दी थीं।

•  इब्न बतूता जो एक अफ्रीकी यात्री था यह मोरक्को का रहने वाला था। और लगभग 1333 ईस्वी में भारत आया था। इसे दिल्ली का काजी सुल्तान ने नियुक्त किया था। सुल्तान ने इसे लगभग 1342 ईस्वी में चीन में अपने राजदूत के रूप में भेजा था। मुहम्मद बिन तुगलक के काल की घटनाओं का वर्णन इब्नबतूता की पुस्तक रेहला में किया गया हैं। इब्न बतूता ने अपनी पुस्तक में डाक व्यवस्था अर्थात् डाक चौकियो की स्थापना, गुप्तचर व्यवस्था और विदेशी व्यापारियों के आवागमन के बारें में वर्णन किया हैं। 

• जिन प्रभा सूर नामक जैन साधु के साथ मुहम्मद बिन तुगलक ने विचार-विमर्श किया था। थट्टा के निकट गोडाल में मुहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु सिन्ध जाते समय लगभग 20 मार्च 1351 ईस्वी में हो गयी थीं। 

• हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने दक्षिण में विजयनगर नामक एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में 1336 ईस्वी में की थीं। बहमनी राज्य की स्थापना 1347 ईस्वी में महाराष्ट्र में अलाउद्दीन बहमन शाह ने की थीं। इतिहासकार बदायूँनी मुहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु पर लिखता हैं कि ” अंततः उसे लोगों से मुक्ति मिली और लोगों को उससे “। 

• यह शेख अलाउद्दीन का शिष्य था। जो दिल्ली सल्तनत का  पहला शासक था, यह बहराइच में सालार मसूद गाजी के मकबरा और अजमेर में शेख मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में गया था। इसने दिल्ली में शेख निजामुद्दीन औलिया, अजुधन में शेख मुल्तान, मुल्तान में शेख रुकनुद्दीन, बदायूँ में मीरन मुलहीम आदि संतों की कब्र पर मकबरे बनवाए थे।

फिरोज शाह तुगलक 

• थट्टा के समीप 20 मार्च 1351 ईस्वी को फिरोज शाह तुगलक का राज्याभिषेक हुआ था। दिल्ली में इसका फिर से 1351 ईस्वी में  राज्याभिषेक हुआ था। इसे कासिम अमीर उल मोममीन की उपाधि खलीफा द्वारा दी गई। फिरोज तुगलक ने अपने शासनकाल में राजस्व व्यवस्था के अन्तर्गत केवल चार कर वसूल करने का आदेश दिया था बाकी 24 कष्टदायक करों को समाप्त कर दिया था। इसने चार कर जजिया, खुम्स कर ( युद्ध में लूट का माल ), जकात एवं खराज ( लगान ) वसूल करने का आदेश दिया था। ब्राह्मणों पर जजिया कर लागू करने वाला पहला मुसलमान शासक फिरोज शाह तुगलक था। इसने सिंचाई कर ” शर्ब ” लगाया था जो उपज का 1/10 भाग था। पाँच बड़ी नहरों का निर्माण भी इसी ने करवाया था। 300 नये नगरों की स्थापना भी फिरोज तुगलक ने की थीं जिनमें से प्रमुख जौनपुर, फिरोजाबाद ( दिल्ली ), फिरोजपुर, फतेहाबाद, हिसार हैं। इसने दीवान-ए- खैरात नामक एक नए विभाग की स्थापना लड़कियों की सहायता, विधवाओं और अनाथ मुस्लिम महिलाओं के लिए की थीं। 

• अशोक के दो स्तम्भों को इसके शासनकाल में टोपरा गाँव ( खिज्राबाद ) और मेरठ से लाकर दिल्ली में स्थापित किया था। फिरोज तुगलक के शासनकाल में दासों की संख्या लगभग 1,80,000 थीं जो सभी सल्तनतकालीन सुल्तानों के शासनकाल में सबसे अधिक थीं। दिवान-ए-बंदगान नामक एक नए विभाग की स्थापना फिरोज ने दासों की देखभाल के लिए की थीं। इसने सैन्य पदों को वंशानुगत बना दिया। इसने अपनी आत्मकथा फतूहात-ए-फिरोजशाही की रचना की थीं।शम्स-ए-शिराज एवं जियाउद्दीन बरनी को इसने अपना संरक्षण प्रदान किया था। इसने विद्वान अपाउद्दीन द्वारा ज्वालामुखी मंदिर के पुस्तकालय से लूटे गए 1300 ग्रंथों में से कुछ ग्रन्थ को फारसी में ” दलायते-फिरोजशाही ” नाम से अनुवाद करवाया था। फिरोज तुगलक ताँबे एवं चाँदी के मिश्रण से निर्मित भारी संख्या में जारी करवाए थे, जिनको विख और अद्धा कहा जाता था। सितम्बर 1388 ईस्वी में फिरोज तुगलक की मृत्यु हो गयी थीं। 

• जेरुसलम में बनायीं उमर के मस्जिद से फिरोज तुगलक के शासनकाल में बनायीं गयी खान-ए-जहाँ तेलंगानी के मकबरा की तुलना की जाती है। दिल्ली में स्थित कोटला फिरोजशाह के किले का निर्माण भी इसी ने करवाया था। फिरोज शाह तुगलक ने रोजगार कार्यालय भी स्थापित करवाया था। 

नासिरुद्दीन महमूद शाह

• नासिरुद्दीन महमूद तुगलक वंश का अंतिम शासक था। इसने दिल्ली से लेकर पालम तक ही शासन किया था। नासिरुद्दीन तुगलक के शासनकाल में दिल्ली पर 1398 ईस्वी में तैमूरलंग ने आक्रमण किया था। नासिरुद्दीन महमूद के समय में एक हिजड़ा मलिक सरवर ने मलिकुशर्शक (पूर्वाधिपति) की उपाधि धारण कर एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना जौनपुर में की थीं।  

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तुगलक वंश से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

नोट :- आप तुगलक वंश से सम्बंधित बहु विकल्पीय प्रश्न को हल कर सकते हैं इनमें से कुछ प्रश्न प्रतियोगिता परीक्षा में आने के आसार हैं।

 

#1. जौनपुर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व वाला एक शहर है। इसकी स्थापना किसके द्वारा की गई थी?

#2. निम्नलिखित में से किसने अजीज खुम्मार को उच्च प्रशासनिक पद पर शराब आसवक (वाइन डिस्टिलर) नियुक्त किया था?

#3. सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक ने अपनी राजधानी दिल्ली से कहां स्थानांतरित करने का निर्णय लिया?

#4. तुगलक वंश की स्थापना किसने की थीं?

#5. गयासुद्दीन तुगलक अला-उद-दीन खिलजी के शासनकाल के दौरान किस राज्य का राज्यपाल था?

#6. निम्नलिखित में से किस राजवंश के शासन काल में तैमूर या तामेरलेन ने 1398 ईस्वी में भारत पर आक्रमण किया था?

#7. गाज़ी मलिक किस वंश का संस्थापक था?

#8. निम्नलिखित में से किसने अपनी राजधानी दिल्ली से दौलताबाद में स्थानांतरित की?

#9. किसके शासनकाल में तैमूर ने भारत पर आक्रमण किया था?

#10. किस दिल्ली सुल्तान ने ‘सांकेतिक’ मुद्रा को कुछ हद तक वर्तमान की मुद्रा की तरह चालू किया था?

#11. इब्न बतूता के भारत आने पर दिल्ली सल्तनत का शासक कौन था?

#12. निम्नलिखित में से तुगलकाबाद शहर किसने बनवाया था?

#13. मुहम्मद बिन तुगलक ने चांदी के सिक्के के स्थान पर ____ नामक तांबे का सिक्का जारी किया?

#14. निम्नलिखित में से किस सुल्तान ने सती प्रथा पर रोक लगाने की कोशिश की थीं ?

#15. सिंचाई हेतु नहर निर्माण करवाने वाला प्रथम सुल्तान था?

#16. गयासुद्दीन तुगलक की धमकी पर ‘हुनुज दिल्ली दूर अस्त’ (दिल्ली दूर है) नामक उत्तर किस प्रसिद्ध सूफी सन्त ने दिया?

#17. दीवान-ए-कोही नामक कृषि विभाग का निर्माण किया?

#18. हरिहर तथा बुक्का ने किसके शासनकाल में विजय नगर की नींव डाली?

#19. शशगनी सिक्का किसके राज्यकाल में प्रचलित हुआ?

#20. सुल्तान को उसकी प्रजा से और प्रजा को सुल्तान से मुक्ति मिल गई।’ यह कथन किस शासक के लिए था?

#21. निम्न में से किस सुलतान ने हक-ए-शर्ब नामक सिंचाई कर लगाया?

#22. रेहला नामक पुस्तक किस शासक के समय की घटनाओं का विवरण है?

#23. निम्नलिखित में से किसने दिल्ली सल्तनत के दौरान दीवान-ए-अमीरकोही की स्थापना की?

#24. ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की ‘दरगाह’ पर आने वाला पहला सुल्तान कौन था?

#25. निम्न में से तुगलक काल में किस स्थान का नाम बदलकर ‘सुल्तानपुर’ कर दिया था?

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