जानिए लोदी वंश का सम्पूर्ण इतिहास और MCQ

लोदी वंश

मध्यकालीन इतिहास

Lodi Dynasty 

• आज हम इस लेख में लोदी वंश से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी को पढ़ेंगे। दिल्ली से तुर्क सत्ता को समाप्त कर बहलोल लोदी ने लोदी वंश की नींव रखी।

Table of Contents

लोदी वंश से संबंधित शासक, शासनकाल और महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ

लोदी वंश

यह जानकारी आप www.secondcoaching.com पर पढ़ रहे हैं। पोस्ट पसंद आयी हो और ऐसी ही पोस्ट पढ़ने के लिए हमारे वेबसाइट से जुड़े रहे। 

तुगलक वंश के इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं के विषय में पुरी जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ पर click करे।

खिलजी वंश के इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं के विषय में पुरी जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ पर click करे।

लोदी वंश के शासकों का वर्णन 

बहलोल लोदी ( 1451 ईस्वी से 1489 ईस्वी तक )

• लोदी वंश की स्थापना बहलोल लोदी ने की थीं। इसलिए बहलोल लोदी को लोदी वंश का संस्थापक माना जाता हैं। इसने अफगान राज्य की स्थापना भारत में पहली बार की थीं।बहलोल लोदी ” बहलोल शाहगाजी ” की उपाधि से 19 अप्रैल 1451 ईस्वी को दिल्ली के सिंहासन पर बैठा था। इसका शासनकाल 1451 ईस्वी से लेकर 1489 ईस्वी तक माना जाता हैं। बहलोल सिक्के का प्रचलन भी बहलोल लोदी ने करवाया था। ” मकसद-ए-अली ” के नाम से अपने सरदारों को कहकर पुकारता था। वह अपने सरदारों के खड़े रहने पर स्वयं भी खड़ा रहता था।

• लोदी वंश का सबसे कुशल और उदार शासक बहलोल लोदी था। इसने दिल्ली सल्तनत पर कुल 38 वर्षों तक शासन किया था। कृषि के विकास के लिए बहलोल लोदी ने नहरों और तालाबों का निर्माण करवाया था। बहलोल लोदी ने तुर्कों कि निरंकुशता का समापन करके दिल्ली सल्तनत के रूप में सामंतों को समान अधिकार दिए थे। उसने अपनी राज्य कि सीमाओं का विस्तार अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर पहुंचने तक पंजाब से बिहार तक कर दिया था। बहलोल लोदी ने मुद्रा व्यवस्था में अपना योगदान देते हुए ” बहलोली ” नामक चाँदी का सिक्के जो कि टंके के 1/4 के बराबर होते थे उनको चलवाया था। मुगल शासक अकबर के समय तक बहलोल लोदी द्वारा चलाया गया बहलोली सिक्का विनिमय का माध्यम बनकर प्रचलन में था। 

• बहलोल लोदी ने समय के साथ-साथ अपनी राजनीतिक इच्छाशक्ति के चलते अपनी सीमाओं का विस्तार किया। बहलोल लोदी ने मेवात, सकीट, ग्वालियर और समथल पर विजय प्राप्त की थीं। 

सिकंदर लोदी (1489 ईस्वी से 1517 ईस्वी तक )

• निज़ाम खाँ बहलोल लोदी का पुत्र था। यह सुल्तान सिकंदर शाह की उपाधि से दिल्ली के सिंहासन पर 17 जुलाई 1489 ईस्वी को बैठा था। इसका शासनकाल 1489 ईस्वी से लेकर 1517 ईस्वी के मध्य माना जाता हैं। आगरा शहर की स्थापना सिकंदर लोदी ने 1504 ईस्वी में की थीं। गज-ए-सिकंदरी पैमाना भूमि के मापन के लिए सिकन्दर लोदी ने चलाया था। यह 30 इंच का पैमाना था, जो 39 अंगुल का होता था।  फारसी कविताएँ लिखने वाला एकमात्र सुल्तान सिकंदर लोदी था। इसने गुलरूखी नाम से फारसी कविता लिखी थीं। इसने एक सुव्यवस्थित ” जासूसी तंत्र ” को भी स्थापित किया था। लोदी वंश का प्रसिद्ध शासक ” सिकंदर लोदी ” को भी माना जाता हैं। इसने हिन्दुओं पर कड़े प्रतिबन्ध इसके क्रूर शासनकाल में समानता न होने के कारण लगा दिए थे। 

• सिकन्दर लोदी ने अपनी नई राजधानी आगरा को बनाया था । इसके आदेश पर फरहंगे सिकन्दरी के नाम से संस्कृत के एक आयुर्वेद ग्रंथ का फारसी में अनुवाद हुआ था। सिकंदर लोदी ने नगरकोट के ज्वालामुखी मंदिर की मूर्ति को तोड़कर कसाइयों को मांस तौलने के लिए उसके टुकड़ों को दे दिया था। सिकंदर लोदी कि न्यायव्यवस्था समानता के सिद्धांत पर आधारित थीं। इसने बादलगढ़ के किले का निर्माण भी करवाया था। 

• सिकंदर लोदी ने संतों के मजार और मुसलमान स्त्रियों को पीरों पर जाने एवं मुसलमानों को ताजिया निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया था। 

इब्राहिम लोदी ( 1517 ईस्वी से 1526 ईस्वी तक ) 

• सिकंदर लोदी की मृत्यु गले की बीमारी के कारण 21 नवंबर 1517 ईस्वी को हो गयी थीं। इसके बाद आगरा के राज सिंहासन पर इसका पुत्र इब्राहिम ” इब्राहिम शाह ” की उपाधि धारण कर बैठा था। इब्राहिम लोदी का शासनकाल 1517 ईस्वी से लेकर 1526 ईस्वी के मध्य माना जाता हैं।

• इब्राहिम लोदी एक असहिष्णु और जिद्दी व्यक्ति था। इसमें एक शासक वाले अच्छे गुण नहीं थे जो इसके पिता में थे। इब्राहिम लोदी इतना क्रूर व्यक्ति था कि इसने अपने शासनकाल में अपने सरदारों को क्रूरतापूर्वक मौत के घाट उतार दिया था। ” दिलावर खाँ लोदी ” इसका बेटा था। इसकी क्रूरता के कारण वह भी नहीं बचा था। इब्राहिम लोदी को मेवाड़ के महाराणा सांगा ने 1518 ईस्वी में खातोली के युद्ध में परास्त किया था। इस युद्ध को बूंदी के युद्ध के नाम से भी जाना जाता हैं। 

• इब्राहिम लोदी पानीपत का प्रथम युद्ध 21 अप्रैल 1526 ईस्वी को बाबर से पराजित हो गया था। और वह इस युद्ध में मारा गया था। इब्राहिम लोदी के चाचा आलम खाँ और पंजाब के शासक दौलत खाँ लोदी ने भारत पर आक्रमण के लिए बाबर को निमंत्रण भेजा था। यह लोदी वंश का सबसे अंतिम शासक था।

• सिकंदर लोदी के वजीर द्वारा मोठ की मस्जिद का निर्माण करवाया गया था।

लोदी वंश से सम्बंधित और भी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने में लिए यहाँ पर click करे। 

लोदी वंश से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न 

लोदी वंश से सम्बंधित प्रतियोगिता परीक्षा में आने वाले प्रश्नों की सूची

 

 

#1. लोदी वंश की स्थापना किसके द्वारा की गई थी?

#2. इब्राहिम लोदी का मकबरा किस में तहसील कार्यालय के पास स्थित है?

#3. सिकंदर लोदी को अन्य किस नाम से जाना जाता था?

#4. आगरा नगर की नींव 1504 ईस्वी में किसने रखी थी?

#5. इंडो-इस्लामिक वास्तुकला की ‘दोहरे गुम्बद’ विशेषता दिल्ली सल्तनत के किस राजवंश द्वारा शुरू की गई थी?

#6. लोदी वंश के किस शासक ने गुलरुखी उपनाम से अपनी कविताओं की रचना की थीं?

#7. निम्नलिखित में से किस लोदी शासक ने भूमि को मापने के लिए गज-ए-सिकंदरी की शुरुआत की थीं ?

#8. पानीपत का प्रथम युद्ध किस वर्ष लड़ा गया था?

#9. इब्राहिम लोदी और बाबर के बीच 1526 ईस्वी में कौन-सा युद्ध लड़ा गया था?

#10. मेवाड़ के महाराणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को किस युद्ध मे परास्त किया था?

#11. इब्राहिम लोदी दिल्ली का सुल्तान कब बना था ?

#12. लोदी वंश का अंतिम शासक इब्राहिम लोदी को किसने पराजित किया था?

#13. मोठ की मस्जिद का निर्माण किसके शासनकाल के दौरान किया गया था?

#14. सिकन्दर लोदी की न्यायव्यवस्था निम्न में से किस पर आधारित थी?

#15. बादलगढ़ के किले का निर्माण किस शासक ने करवाया था?

Previous
Finish

Results

HD Quiz powered by harmonic design

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top