राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग Rashtriya bal adhikar sanrakshan aayog (NCPCR:- National Commission For Protection of Child Rights) के एमसीक्यू करने से पहले मैं चाहता हूं, कि आप इसके बारे में थोड़ा सा पढ़ ले ताकि आपको एमसीक्यू सॉल्व करने में आसानी हो, अब जान लेते हैं, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के बारे में कुछ छोटे-मोटे के बारे में ।
यहां पर मैं आपको बता दूं मैंने एक PDF को भी ऐड किया है, जो आप डाउनलोड कर सकते हैं, टेलीग्राम चैनल से
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Rashtriya bal adhikar sanrakshan aayog का गठन
Rashtriya bal adhikar sanrakshan aayog का गठन 5 मार्च 2007, को बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 के तहत किया गया था
Rashtriya bal adhikar sanrakshan aayog में 0 से 18 वर्ष तक के आयु के वर्ग के बच्चों को शामिल किया गया है
Rashtriya bal adhikar sanrakshan aayog एक वैधानिक निकाय है |
Rashtriya bal adhikar sanrakshan aayog महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तत्वावधान में काम करता है।
Rashtriya bal adhikar sanrakshan aayog के कार्य
1. कानून के तहत बाल अधिकारों की सुरक्षा की जाँच करना |
2. विशेष देखभाल तथा सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चो से जुड़े मामलो की देखभाल करना |
3. अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों की समीक्षा करना, जो बाल अधिकारों से जुड़े हो |
4. बाल अधिकारों के क्षेत्र में अनुसन्धान का संचालन करना |
5. समाज के विभिन्न क्षेत्रो में बाल अधिकारों से सम्बंधित शिक्षा तथा जागरूकता पैदा करने हेतु कार्य करना |
6. केंद्र सरकार या राज्य सरकार के तहत किसी बालक जेल गृह की आवश्यकता पड़ने पर जाँच करना |
7. बाल अधिकारों पर कन्वेंशन के अनुपालन का आकलन करने के लिए मौजूदा कानून, नीति और अभ्यास का विश्लेषण करें, बच्चों को प्रभावित करने वाली नीति या अभ्यास के किसी भी पहलू पर पूछताछ करें और रिपोर्ट तैयार करें और बाल अधिकारों से संबंधित प्रस्तावित नए कानून पर टिप्पणी करें।
8. केंद्र सरकार को सालाना और ऐसे अन्य अंतरालों पर, जैसा आयोग उचित समझे, उन सुरक्षा उपायों के कामकाज पर रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
9. जहां बच्चों द्वारा या उनकी ओर से संबंधित व्यक्ति द्वारा चिंता व्यक्त की गई हो, वहां औपचारिक जांच करें।
10. अपने काम में और बच्चों से संबंधित सभी सरकारी विभागों और संगठनों में बच्चों के विचारों को बढ़ावा देना, सम्मान देना और उन पर गंभीरता से विचार करना।
11. बाल अधिकारों के बारे में जानकारी तैयार करना और उसका प्रसार करना।
12. बच्चों पर डेटा संकलित और विश्लेषण करें।
13. स्कूली पाठ्यक्रम में बाल अधिकारों को शामिल करने, शिक्षकों या बच्चों से निपटने वाले कर्मियों के प्रशिक्षण को बढ़ावा देना।
Rashtriya bal adhikar sanrakshan aayog की संरचना
1 अध्यक्ष + 6 सदस्य
आयोग में निम्नलिखित सदस्य शामिल हैं:-
- एक अध्यक्ष, जो प्रतिष्ठित व्यक्ति है और जिसने बच्चों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्ट कार्य किया है; और
- निम्नलिखित क्षेत्रों से छह सदस्यों, जिनमें से कम से कम दो महिलाएं हैं, को केंद्र सरकार द्वारा प्रतिष्ठित, क्षमता, अखंडता, प्रतिष्ठा और अनुभव वाले व्यक्तियों में से नियुक्त किया जाता है, –
- शिक्षा;
- बाल स्वास्थ्य, देखभाल, कल्याण या बाल विकास;
- किशोर न्याय या उपेक्षित या हाशिये पर पड़े बच्चों या विकलांग बच्चों की देखभाल;
- बाल श्रम या संकटग्रस्त बच्चों का उन्मूलन;
- बाल मनोविज्ञान या समाजशास्त्र;
- बच्चों से संबंधित कानून.
अध्यक्ष की नियुक्ति
चयन समिति की सिफारिश पर केंद्र सरकार द्वारा | अध्यक्ष की नियुक्ति केन्द्रीय सरकार द्वारा (महिला और बाल विकास मंत्रालय या विभाग के प्रभारी मंत्री) की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यों वाली चयन समिति की सफारिश पर की जाएगी।
अध्यक्षों की सूची
Rashtriya bal adhikar sanrakshan aayog के प्रथम अध्यक्ष “शांता सिन्हा” है
Rashtriya bal adhikar sanrakshan aayog वर्तमान अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो है
क्र. | अध्यक्ष | कार्यकाल |
1 | शांता सिन्हा | 2007-2013 |
2 | कुशल सिंह | 2013-2014 |
3 | स्तुति नारायण कक्कड़ | 2015-2018 |
4 | प्रियांक कानूनगो | 2018-वर्तमान |
आयोग के सदस्यों को नियुक्ति :- केंद्र सरकार द्वारा की जाती है
Rashtriya bal adhikar sanrakshan aayog का मुख्यालयः- नई दिल्ली में स्थित है
अध्यक्ष का कार्यकाल:- 3 वर्ष / 65 वर्ष
सदस्य का कार्यकाल :- 3 वर्ष / 60 वर्ष
महत्वपूर्ण तथ्य
अध्यक्ष व सदस्य पुनर्नियुक्ति के लिए पात्र होते हैं, परन्तु यह दो बार से ज्यादा नियुक्त नहीं होते है |
आयोग के अध्यक्ष और सदस्य अपना त्याग पत्र केंद्र सरकार को सौंपते है |
केंद्र सरकार द्वारा ही आयोग के सदस्यों को हटाया जाता है |
पद से हटाने के बाद रिक्त स्थान की पूर्ति 90 दिन की भीतर की जायेगी, और यह नियुक्ति शेष बचे कार्यकाल की लिए की जाती है ।