Bal Vivah Adhiniyam Top MCQ.

Bal Vivah Adhiniyam Top MCQ.

नमस्कार दोस्तों स्वागत है, आप सभी रीडर का www.secondcoaching.com के नए लेख में, मैं हूं Aashish Patidar भारत में हर वर्ष 18 साल से भी कम उम्र में लाखों लड़कियों की शादी कर दी जाती है, जिसके वजह से उनके शिक्षा स्वास्थ्य और संरक्षण पर खराब असर पड़ता है। यूनिसेफ के रिपोर्ट के अनुसार भारत में सबसे अधिक बाल विवाह होते है, तो आज का लेख इसी गंभीर विषय पर तो जानते हैं, Bal Vivah Adhiniyam Top MCQ. 2006 के प्रावधानों के बारे में।

Table of Contents

इससे पहले हम जान लेते हैं, Bal Vivah Adhiniyam Top MCQ 1929 के बारे में।

Bal Vivah Adhiniyam Top MCQ.

बाल विवाह प्रतिबन्ध अधिनियम, 1929 | Bal Vivah Adhiniyam Top MCQ

‘बाल विवाह प्रतिबन्ध अधिनियम, 1929 28 सितंबर 1929 को इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल ऑफ इंडिया में पारित हुआ।

लड़कियों के विवाह की आयु 14 वर्ष और लड़कों की 18 वर्ष तय की गई जिसे बाद में लड़कियों के लिए 18 और लड़कों के लिए 21 कर दिया गया।

इस अधिनियम को बनाने वाले हरविलास शारदा थे, इसलिए इस अधिनियम को “शारदा अधिनियम” के नाम से भी जाना जाता है।

यह छह महीने बाद 1 अप्रैल 1930 को लागू हुआ और यह केवल हिंदुओं के लिए नहीं बल्कि ब्रिटिश भारत के सभी लोगों पर लागू होता है। यह भारत में सामाजिक सुधार आंदोलन का परिणाम था। ब्रिटिश अधिकारियों के कड़े विरोध के बावजूद, ब्रिटिश भारतीय सरकार द्वारा कानून पारित किया गया, जिसमें अधिकांश भारतीय थे। हालाँकि, इसका ब्रिटिश ब्रिटिश सरकार से कार्यान्वयन में कमी थी, इसका मुख्य कारण ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा उनके वफादार हिंदू और मुस्लिम सांप्रदायिक समूहों से समर्थन खोना था।

Dahej Pratishedh Adhiniyam TOP MCQ. जानिए दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के बारे में

बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 | Bal Vivah Adhiniyam Top MCQ

उद्देश्य

बाल विवाह के अनुष्ठान के प्रतिषेध और उससे संबंधित या उसके अनुषांगिक विषयों का उपबंध करने के लिए अधिनियम बनाना है।

महत्वपूर्ण सूचना :- टेलीग्राम पर MP Mahila Supervisor Practice BATCH चल रही है, आप इसे ज्वाइन कर सकते हैं नीचे लिंक के द्वारा

इस अधिनियम में कुल 21 धाराएं हैं।

धारा 1 → संक्षिप्त नाम विस्तार और प्रारंभ »

संक्षिप्त नाम – बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006
विस्तार » संपूर्ण भारत पर या भारत से बाहर तथा भारत के पर भारत ने सभी नागरिकों पर भी लागू होता है।
राष्ट्रपति की स्वीकृति » 10 जनवरी 2007
लागू » 1 नवंबर 2007

धारा 2 परिभाषाएं »

“बालक” से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है, जो यदि पुरुष – आयु 21 वर्ष से कम | नारी – आयु 18 वर्ष से कम “बाल विवाह” से ऐसा विवाह अभिप्रेत हैअर्थात यहां पर यदि महिला या पुरुष में से दोनों में से कोई भी बालक है तो उसे बाल विवाह माना जाएगा।
विवाह के संबंध में “बंधन में आने वाले पक्षकार” से पक्षकारों में से कोई भी ऐसा पक्षकार अभिप्रेत है जिसका विवाह उसके द्वारा अनुशासित किया जाता है या किया जाने वाला है।
• “बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी” के अंतर्गत धारा 16 की उपधारा 1 के अधीन नियुक्त बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी है।

धारा 3 → बाल विवाह का शुन्यीकरण होना »

इस अधिनियम के लागू होने के पूर्व या पश्चात किया गया प्रत्येक बाल विवाह, उस पक्षकार के जो विवाह बालक था, के विकल्प पर शून्यीकरण होगा।
• यदि याचिका दायर किए जाने के समय याचिकाकर्ता बालक था, तब याचिका उसके संरक्षक या वाद मित्न के साथ-साथ बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी के माध्यम से दायर की जाएगी।बाल विवाह में डिक्री पारित करते समय न्यायालय दूसरे पक्षकार को आदेश देगा कि वह विवाह के समय प्राप्त उपहार आदि एक पक्षकार के माता-पिता या संरक्षक को लौटा दे।
न्यायालय वयस्क पुरुष पक्षकार के माता-पिता या संरक्षक को महिला पक्षकार को उसके पुनर्विवाह तक अंतरिम या अंतिम भरण पोषण या आवास का आदेश भी कर सकता है।

धारा 5 | Bal Vivah Adhiniyam Top MCQ.

धारा 5 के अनुसार यदि बाल विवाह से उत्पन्न हुआ बालक है तब जिला न्यायालय ऐसे बालकों की अभिरक्षा के लिए समुचित आदेश दे सकता है न्यायालय उस बालक के लिए विवाह के पक्षकार या उनके माता-पिता या संरक्षक द्वारा भरण पोषण का प्रबंध करने का आदेश भी दे सकता है।

धारा 6

धारा 6 → के अनुसार यदि न्यायालय द्वारा बाल विवाह शून्य घोषित कर दिया जाता है तो डिक्री दिए जाने के पूर्व जन्म या गर्भ रहित बालक धर्मज माना जाएगा।

धारा 9

कोई भी व्यक्ति जो 18 वर्ष से अधिक आयु का होते हुए बाल विवाह करेगा वह 2 वर्ष तक के कठोर कारावास से या दोनों जुर्माने से जो ₹100000 तक का हो सकता है अथवा दोनों से दंडनीय होगा।

धारा 10 | Bal Vivah Adhiniyam Top MCQ.

धारा 10 → बाल विवाह संपन्न कराने वाला संचालित करने वाला या दुष्ट प्रेरित करने वाला 2 वर्ष तक के कठोर कारावास और जुर्माने से जो ₹100000 तक हो सकता है दंडनीय होगा।
जहां माता-पिता अथवा संरक्षक या संरक्षक जैसा व्यक्ति या बालक पर विधि पूर्ण या विधि विरुद्ध रखने वाला व्यक्ति बालक के विवाह में शामिल होकर प्रेरित करता है या अनुष्ठान की अनुमति देता है। वह 2 वर्ष तक के कठोर कारावास से और ₹100000 तक के जुर्माने से दंडित किया जाएगा परंतु कोई स्त्री कारावास से दंडित नहीं होगी।
Bal Vivah Adhiniyam Top MCQ.

धारा 12

धारा 12 कतिपय परिस्थितियों में किसी अवयस्क बालक के विवाह का शून्य होना – जहां कोई बालक जो अवयस्क है विवाह के प्रयोजन के लिए सदैव शून्य माना जाएगा।

धारा 13 | Bal Vivah Adhiniyam Top MCQ.

बाल विवाहों को प्रतिषिद्ध करने वाला व्यादेश जारी करने की न्यायालय की शक्ति – इस अधिनियम में किसी प्रतिकूल बात के होते हुए भी यदि प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट या महानगर मजिस्ट्रेट का बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी के आवेदन पर या किसी व्यक्ति से परिवाद के माध्यम से या अन्यथा सूचना प्राप्त होने पर यह समाधान हो जाता है कि इस अधिनियम के उल्लंघन में बाल विवाह तय किया गया है या उसका अनुष्ठान किए जाने वाला है तो ऐसा मजिस्ट्रेट विवाह रोकने के लिए व्यादेश निकालेगा।बाल विवाह के अनुष्ठान को रोकने या उसका निवारण करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट के पास अतिरिक्त शक्ति भी होगी और वह उसे रोकने के लिए अतिरिक्त बल प्रयोग भी कर सकता है।
• कोई न्यायालय द्वारा जारी किए गए अध्यादेश का उल्लंघन करेगा उसे 2 वर्ष तक की अवधि के कारावास से या ₹100000 तक के जुर्माने से अथवा दोनों से दंडनीय होगा परंतु कोई स्त्री कारावास से दंडित या नहीं होगी। Bal Vivah Adhiniyam Top MCQ.

धारा 16

धारा 16 बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी – राज्य सरकार राज्य के संपूर्ण या उसके किसी भाग में ऐसे अधिकारियों की नियुक्ति करेगी जिसे बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी के रूप में माना जाएगा।

धारा 17 | Bal Vivah Adhiniyam Top MCQ.

धारा 17 बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों का लोक सेवक होना भारतीय दंड संहिता की
Bal Vivah Adhiniyam Top MCQ.

धारा 21

धारा 21 के अंतर्गत यह लोकसेवक समझे जाएंगे।राज्य सरकार किसी सम्मानित व्यक्ति ग्राम पंचायत या नगरपालिका अधिकारी किसी लोक उपक्रम के अधिकारी या किसी गैर सरकारी संगठन के पदाधिकारी से बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी की सहायता करने का अनुरोध करने पर भी उसकी सहायता करने के लिए बाध्य होंगे।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी का कर्तव्य होगा कि वह बाल विवाह का निवारण करें, साक्ष्य एकल करें, बाल विवाह के विरुद्ध लोगों को जागरूक करें तथा समाज को संवेदनशील बनाएं आदि ।

Bal Vivah Adhiniyam Top MCQ.

 

Results

HD Quiz powered by harmonic design

#1. बाल विवाह अधिनियम 2006 के सम्बंधित निश्न विकल्पों में से गलत विकल्प का चयन करें।

#2. भारत में कानूनी प्रावधान जो बाल विवाह को अपराध मानता है और इसमें शामिल लोगों के लिए सजा निर्धारित करता है वह इस प्रकार है:

#3. बाल विवाह की प्रथा आरंभ हुई

#4. द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ के अनुसार वर्ष 2021 में लड़कियों के सर्वाधिक बाल विवाह कहाँ हुए है?

#5. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्यवाही हेतु सक्षम न्यायालय कौन सा होगा

#6. भारत में कानूनी प्रावधान जो बाल विवाह को अपराध मानता है और इसमें शामिल लोगों के लिए सजा निर्धारित करता है वह इस प्रकार है:

#7. कोनसा बाल अधिकार हनन का उदाहरण है।

#8. शारदा act संबंधित है

#9. बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022-23 में सबसे ज्यादा बाल विवाह कहाँ रोके गये है?

#10. बालिकाओं के बाल विवाह को हतोत्साहित करने के लिए और समाज में जागरूकता फैलाने के लिए कार्यरत योजना

#11. क्या भारत में साक्षरता दर और बाल विवाह के बीच कोई सीधा संबंध है?

#12. बाल विवाह का मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है?

#13. कन्याश्री प्रकल्प योजना का उद्देश्य क्या है?

#14. नीतिगत हस्तक्षेपों और कानूनों के बावजूद बाल विवाह को संबोधित करने में क्या चुनौतियाँ हैं?

#15. भारत के किन राज्यों में बाल विवाह की घटनाएं अधिक हैं?

#16. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के धारा 11 में किसको दंडित किया जा सकता है।

#17. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनिम में बाल विवाह को परिभाषित किया गया है।

#18. यदि कोई व्यस्क पुरुष बाल विवाह करता हैं तो उसे सजा होगी

#19. बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी को नियुक्ति कोन करता हैं

#20. बाल विवाह प्रतिबंध अधिनियम कब पारित हुआ ?

#21. बाल विवाह अधिनियम 2006 के संबंधित निम्न विकल्प में से सही विकल्प का चयन कर ।

Previous
Finish

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top